नई दिल्ली। स्थाई नौकरी की मांग कर रहे अतिथि शिक्षकों ने शनिवार सुबह उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के घर के बाहर प्रदर्शन किया। इस दौरान सिसोदिया को भारी विरोध का सामना करना पड़ा। शिक्षकों ने आरोप लगाया कि उन्हें जनता दरबार में सिसोदिया से मिलने नहीं दिया जाता है लेकिन कुछ देर बाद सिसोदिया अध्यापकों से मिले। उन्होंने अस्थायी अध्यापकों को स्थायी करने की मांग पर विचार करने का आश्वासन दिया।
शनिवार सुबह करीब 50 अस्थायी शिक्षक उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के मथुरा रोड स्थित आवास के बाहर पहुंचे। इनमें महिलाएं भी शामिल थीं। करीब साढ़े नौ बजे सिसोदिया कार में बैठकर घर से निकले। इस दौरान शिक्षक दिल्ली सरकार हाय-हाय और अस्थायी शिक्षकों को स्थायी करो के नारे लगा रहे थे। उन्हें उम्मीद थी कि उपमुख्यमंत्री कार से उतरकर उनसे बात करेंगे लेकिन ऐसा न होने पर वे कार के आगे पहुंच गए। कुछ महिलाएं कार को धक्का देने लगीं जबकि कुछ अध्यापक कार के बोनट पर चढ़ गए।
प्रदर्शनकारी मांग कर रहे थे कि चुनाव पूर्व किया गया वादा पूरा किया जाए। एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि विधानसभा चुनाव से पूर्व आम आदमी पार्टी ने अस्थायी शिक्षकों को स्थायी करने का वायदा किया था लेकिन सत्ता में आते ही वह अपना वादा भूल गई। शिक्षकों ने कहा कि उन्होंने सचिवालय के बाहर कई बार प्रदर्शन किया, गाजियाबाद में जनता दरबार में मिलने की कोशिश की लेकिन उन्हें मिलने तक नहीं दिया गया।
इसके बाद उपमुख्यमंत्री कार से उतरे और प्रदर्शनकारियों से बातचीत की। उन्होंने आश्वासन दिया कि वह शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों से इस बारे में बातचीत करेंगे। जब सिसोदिया जाने लगे तो प्रदर्शनकारी फिर उग्र हो गए। इस बार पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच जमकर धक्का-मुक्की हुई। महिला अध्यापकों को धक्का देकर पुलिस ने गेट से हटा दिया। पुलिस प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेकर तिलक मार्ग थाने पहुंची। हालांकि बाद में सभी को छोड़ दिया गया। इस दौरान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश उपाध्यक्ष भी तिलक मार्ग थाने पहुंचे। उन्होंने पुलिस से जल्द से जल्द अध्यापकों को हिरासत से रिहा करने की गुजारिश की।
टीचरों को कहा दलाल
कुछ अध्यापकों ने आरोप लगाया कि जब मनीष सिसोदिया बाहर आए तो उन्होंने गुस्से में कहा कि आप सभी भाजपा के दलाल हैं। इस पर अध्यापकों ने कड़ी नाराजगी जताई है।