राजफाश: सलाद के लिए हुई थी वकील की हत्या

Bhopal Samachar
नई दिल्ली। तीस हजारी अदालत परिसर में मिली एक वकील की लाश के मामले में हत्या का राज खुल गया है। यह हत्या एक ढाबा संचालक ने इसलिए की थी क्योंकि सलाद को लेकर वकील किचकिच कर रहा था और उसने शराब पी रखी थी। 

पुलिस उपायुक्त मधुर वर्मा ने बताया कि 40 वर्षीय राजीव शर्मा रोहिणी सेक्टर 16 में परिवार संग रहते हैं। वे तीस हजारी कोर्ट में चैम्बर संख्या टी-30 में बैठते थे। शुक्रवार सुबह करीब साढ़े आठ बजे उनका शव उनके चैंबर से कुछ दूरी पर मिला। उनके सिर से खून बह रहा था और मोबाइल, पर्स व जूते गायब थे। 

प्रारंभिक जांच में आशंका जताई गई कि हत्या कहीं आसपास ही हुई है। पुलिस न आसपास चैंबर के वकीलों से पूछताछ की। पता चला कि राजीव शर्मा शाम पांच बजे चैंबर से निकले थे। वो भजनपुरा स्थित एक क्लाइंट के घर उससे मिलने गए थे। यहां से वह रात करीब साढ़े दस बजे तीस हजारी कोर्ट पहुंचे।

सीसीटीवी कैमरे से मिला सुराग
पुलिस ने बताया कि राजीव शर्मा के चैंबर के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे से पुलिस को सुराग मिला। फुटेज में शुक्रवार सुबह करीब आठ बजे तक लोग सामान्य तरीके से उसी रास्ते पर आते दिखाई दिए, जहां शव मिला था। दरअसल, चैंबर आमतौर पर नौ से दस बजे के बाद खुलते थे। इसी बीच एक वकील ने पुलिस को बताया कि पास ही के ब्लॉक स्थित चौधरी ढाबा सुबह ही खुलता है। पुलिस ढाबे पर पहुंची तो पता चला कि ढाबा बंद है। अंदर टेबल, सीट पर खून के धब्बे मिले, जिससे पुलिस का शक गहरा गया कि जरूर हत्या ढाबे पर की गई है।

कड़ाई से पूछताछ के बाद हुआ खुलासा
पुलिस ने तत्काल ढाबा संचालक धनाराम चौधरी के पूर्वी दिल्ली स्थित घर पर छापा मार गिरफ्तार कर लिया। पहले तो उसने हत्या से इंकार किया लेकिन कड़ाई से पूछताछ करने पर खुलासा किया कि हत्या उसी ने की है। 

उसने बताया कि वकील रात करीब साढ़े दस बजे ढाबे पर पहुंचे। उन्होंने शराब पी रखी थी। धनाराम ने खाने की थाली परोसी तो राजीव सलाद को लेकर बहस करने लगे। गुस्से में आकर धनाराम ने मूसल से राजीव के सिर पर पांच बार वार किया। वह अचेत होकर वहीं गिर पड़े, जिसके बाद धनाराम ने ढाबे के ही दो कर्मचारियों दिलीप और बहादुर को शव को ठिकाने लगाने का जिम्मा सौंपा, लेकिन दोनों ने शव को ढाबे के अंदर ही रखे रखा। सुबह जब धनाराम को पता चला कि शव अंदर है तो दोनों को फटकार लगाई। फिर हड़बड़ी में शव राजीव शर्मा के आफिस के बाहर फेंक दिया।

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!