नई दिल्ली। राजधानी की छह जिला अदालतों में से एक तीस हजारी कोर्ट कैंपस में एक वकील की हत्या से वकीलों में अपनी सुरक्षा को लेकर डर बैठ गया है। वे दिल्ली सरकार और प्रशासन से कोर्ट परिसर की सुरक्षा बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। घटना के विरोध में वकीलों की सभी छह अदालतों में हड़ताल रही।
इस घटना से सहमे वकील कुणाल खटूमारिया ने बताया कि राजीव शर्मा नामक जिस वकील की हत्या हुई, तहसील बिल्डिंग में उनका चेंबर इनके चेंबर के बिल्कुल पास में था। तहसील बिल्डिंग के पास बने ढाबे के कर्मचारियों से पहले भी झड़प हो चुकी है। उन्हें इस घटना के बाद से डर लगने लगा है क्योंकि जब एक वकील कोर्ट परिसर में ही सुरक्षित नहीं है तो वह कहीं भी सुरक्षित नहीं।
दिल्ली बार असोसिएशन के सेक्रेटरी दिव्य र्दशन शर्मा बताते हैं कि उन्हें सुबह साढ़े 7 बजे के आसपास इस घटना की जानकारी मिली थी। पूरे वाकये का पता चलने के बाद सभी जिला अदालतों की बार असोसिएशन्स की कोऑर्डिनेशन कमिटी को इसकी सूचना दी गई, जिसने शुक्रवार को वकीलों की हड़ताल की घोषणा कर दी। बार की ओर से भी मीटिंग की गई, जिसमें कोर्ट परिसर में वकीलों की सुरक्षा के मुद्दे पर चर्चा हुई। इसमें फैसला लिया गया कि किसी भी वकील को रात 8-9 बजे के बाद चैंबर में रुकने नहीं दिया जाएगा।
वकीलों के एक प्रतिनिधिमंडल ने इस मुद्दे पर डिस्ट्रिक्ट जज से मुलाकात की और कोर्ट परिसर में सुरक्षा बढ़ाए जाने की मांग की। वकीलों का कहना है कि यह पूरा मुद्दा सेफ्टी से जुड़ा हुआ है और तीस हजारी कोर्ट परिसर पर चारों तरफ से खतरा नजर आता है। इसीलिए जरूरी है कि यहां बाहरी लोगों की एंट्री बंदी की जाए, देर रात कोई भी चेंबर खुला न रहे, सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं, हाई मास्ट लाइट लगाई जाए, पुलिस पेट्रोलिंग बढ़ाई जाए। वकील कोर्ट कैंपस में ढाबे को बंद करने की भी मांग कर रहे हैं।
शर्मा ने बताया कि इस ढाबे के बारे में पहले भी कई शिकायतें मिल चुकी हैं। दिल्ली बार असोसिएशन की तरफ से पीड़ित वकील के परिजनों को एक लाख रुपये भी दिए गए।