अक्षय बाजपेयी/इंदौर। सीबीएसई स्कूलों में 10वीं के स्टूडेंट्स के पास इस साल भी बोर्ड या लोकल एग्जाम का विकल्प खुला रहेगा। इसलिए कि इसे अनिवार्य रूप से बोर्ड एग्जाम करने पर कोई फैसाल मंत्रालय अब तक नहीं हो पाया है। स्टूडेंट्स को यह सुविधा सीसीई पैटर्न के तहत दी गई थी, लेकिन अब कई प्रदेशों के स्टूडेंट, स्कूल व शिक्षामंत्री ही इसे खत्म करने की मांग कर रहे हैं।
पिछले कई दिनों से अटकलें थीं कि सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) कक्षा 10वीं से स्कूल बेस्ड यानी लोकल एग्जाम का विकल्प समाप्त करने वाला है। मगर अभी ऐसा कुछ नहीं होने जा रहा। सूत्रों का कहना है कि मंत्रालय स्तर पर जरूर कुछ परिवर्तनों को लेकर विचार चल रहा है, लेकिन अब तक तय कुछ नहीं है।
सीबीएसई ने राइट टू एजुकेशन (आरटीई) एक्ट के तहत 2009 से स्कूलों में कंटिन्यूअस एंड कॉम्प्रीहेंसिव इवैल्यूएशन (सीसीई) पैटर्न लागू कर रखा है। इसका मुख्य मकसद स्टूडेंट्स के प्रेशर को कम करन के साथ उनकी पढ़ाई को व्यावहारिक बनाना है। कक्षा छठी से 10वीं तक में सीसीई के तहत गतिविधियां करवाई जाती हैं। सीसीई के तहत ही कक्षा 10वीं में स्टूडेंट्स को स्कूल बेस्ड यानी लोकल तथा बोर्ड एग्जाम में से किसी एक को चुनने का विकल्प दिया गया है।
गुणवत्ता गिर रही, इसलिए चल रहा विचार
सूत्रों का कहना है कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय में कक्षा 10वीं में लोकल का विकल्प समाप्त करने को लेकर गंभीरता से विचार चल रहा है। कई राज्यों के शिक्षामंत्री भी इसे समाप्त करने की सलाह मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी को दे चुके हैं। दिल्ली सहित कई शहरों के स्टूडेंट भी मंत्रालय में सुझाव दे चुके हैं कि 10वीं कक्षा को बोर्ड ही होना चाहिए। मगर अब तक मंत्रालय ने इस दिशा में कुछ भी स्पष्ट नहीं किया है।
नया सत्र शुरू होने से कम हुई संभावना
स्कूलों में नया शैक्षणिक सत्र शुरू हो चुका है। ऐसे में इस साल स्कूलों में सीसीई ही लागू रहेगा। यानी स्टूडेंट्स को कक्षा 10वीं में पहले की तरह लोकल व बोर्ड दोनों विकल्प मिलेंगे। सीबीएसई के अधिकारियों ने भी इस बात की पुष्टि की है कि अभी कोई परिवर्तन नहीं हो रहे।
शहर में कुछ बोर्ड तो कुछ लोकल
शहर के कुछ स्कूलों में सौ प्रतिशत स्टूडेंट लोकल एग्जाम देना पसंद कर रहे हैं, तो कुछ स्कूलों में सौ प्रतिशत स्टूडेंट बोर्ड परीक्षा के पक्ष में हैं। अभी फॉरमेटिव असेसमेंट (एफए) व समेटिव असेसमेंट (एसए) के तहत स्टूडेंट्स की काबिलियत को जांचा जा रहा है। एफए 40 अंक व एसए 60 अंक के होते हैं। एफए के अंतर्गत विभिन्न तरह की गतिविधियां स्टूडेंट्स के बीच करवाई जाती हैं। मकसद इनका पूर्ण विकास सुनिश्चित करना है।
कोई बदलाव नहीं
सीसीई पैटर्न में अभी कोई बदलाव नहीं किए जा रहे हैं। पिछले सालों की तरह इस साल भी पुराना पैटर्न जारी रहेगा।
डीके भावसार
डीईए, स्कूल एजुकेशन एंड लिटरेसी (एमएचआरडी नईदिल्ली)
अभी तक परिवर्तन की सूचना नहीं
हमें किसी तरह के परिवर्तन की सूचना अभी तक नहीं मिली है। जब तक मंत्रालय से लिखित में आदेश नहीं आ जाता कुछ नहीं कहा जा सकता। अभी तो पुराना पैटर्न ही इस साल भी लागू रहेगा।
संदीप सेठी
एजुकेशन ऑफिसर सीबीएसई नईदिल्ली