भोपाल। CBSE ने एक अयोग्य शिक्षक को मूल्यांकन एवं प्रैक्टिकल परीक्षक के अधिकार सौंप रखे हैं जबकि नियमानुसार संबंधित अधिकारी निर्धारित योग्यता नहीं रखता। घोटाला तो यह है कि CBSE प्रबंधन के ध्यान में लाने के बाद भी भूल सुधार नहीं किया गया। संदेह की सुई CBSE में परीक्षा घोटाले की ओर घूम रही है। सवाल यह है कि जब योग्य शिक्षक मौजूद हैं तो मूल्यांकन जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी अयोग्य को क्यों सौंपी गई, क्या घोटाला है।
CBSE का नियम है की 12वीं कक्षा को पढ़ाने वाले शिक्षक को उस विषय में स्नातकोत्तर होना आवश्यक है। वहीं शिक्षक उनके प्रैक्टिकल परीक्षक नियुक्त हो सकते है। साथ ही वे ही उनके उत्तर पुस्तिका का मूल्यांकन कर सकते है।
CBSE अजमेर ने केंद्रीय विद्यालय क्रमांक 1 भोपाल के खेल शिक्षक एस. सुजीत जो की बीपीएड व एमए हैं। इस योग्यता की आधार पर वे इन दोनों ही कार्यों हेतु पात्र नहीं है को विगत कई वर्षों से नियुक्त करती आ रही है।
पहले सीबीएसई से पूछने पर उन्होंने जवाब दिया कि केंद्रीय विद्यालय संगठन द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर वे पात्र है परन्तु सुचना के अधिकार के तहत जब केंद्रीय विद्यालय संगठन से उनके योग्यता की जानकारी प्राप्त हुई तब यह सच्चाई उजागर हुई की सुजीत कुमार यह योग्यता पूरी नहीं करते। जब यह जानकारी सी बी एस ई को भेजी गई उसके बाद से बोर्ड कोई जवाब देने से कतराता नजर आ रहा है|
उपरोक्त जानकारी PET BPL <petbpl@gmail.com> द्वारा भोपाल समाचार को ईमेल की गई। यह रहे वो दस्तावेज जो संलग्न भेजे गए :-
यदि आरोपित शिक्षक या सीबीएसई अजमेर के अधिकारियों को लगता है कि यह आरोप गलत है तो हम आशा करते हैं कि वो नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में इसका खंडन करेंगे। यदि आपके पास भी है सीबीएसई में चल रहे घोटालों की कोई जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें, एवं इस विषय के संदर्भ में कृपया नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में अपनी प्रतिक्रियाएं दर्ज कराएं।