भोपाल। मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को अपने पुतले जलवाने का शौक हो गया लगता है। जब जब उनका विरोध कम होता है वो कोई ना कोई ऐसा बयान दे डालते हैं कि चौराहों पर उनके पुतले जलाए जाएं। व्यापमं मामले में अच्छी भली साख बनती जा रही थी कि उन्होंने पाक परस्त अलगाववादी नेता मसरत को सम्मान सूचक शब्द 'साहब' से संबोधित किया जबकि मोदी को हिटलर करार दिया।
मसरत आलम वही शख्स है, जिसने बुधवार को श्रीनगर में भारत विरोधी रैली का आयोजन किया था। रैली में न केवल पाकिस्तानी झंडे फहराए गए, बल्कि मसरत ने 'मेरी जान पाकिस्तान' के नारे भी लगवाए। इस घटना पर तीखी प्रतिक्रिया हुई और शुक्रवार को उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
मसरत की गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया देते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा, ''मसरत आलम साहब को जम्मू-कश्मीर सरकार ने कानून की किन धाराओं के तहत गिरफ्तार किया है? सरकार को यह जरूर बताना चाहिए।''
दिग्विजय के मुताबिक, मसरत और अन्य ने जो कहा और किया, वह देश के खिलाफ जंग छेड़ने जैसा है। उनके खिलाफ नेशनल सिक्युरिटी एक्ट के तहत कार्रवाई होनी चाहिए। बता दें कि दिग्विजय इससे पहले एक बार आतंकी सरगना ओसामा बिन लादेन के लिए 'ओसामा जी' का इस्तेमाल कर चुके हैं।
मोदी की हिटलर से तुलना
पीएम मोदी द्वारा कनाडा दौरे पर कांग्रेस की आलोचना करने पर एक अंग्रेजी चैनल से बातचीत में दिग्विजय सिंह ने कहा, ''यह बांटने वाली मानसिकता को दर्शाता है। उन्हें यह समझना चाहिए कि 1947 से लेकर आज तक किसी भारतीय पीएम ने देश के बाहर आंतरिक राजनीति की चर्चा नहीं की। क्या बराक ओबामा भारत जब भारत आए तो उन्होंने रिपब्लिकंस के साथ अपने मतभेदों का जिक्र किया?''
जब दिग्विजय को यह याद दिलाया गया कि ओबामा ने टाइम में एक आर्टिकल लिखकर मोदी की तारीफ की है तो कांग्रेस नेता ने कहा, ''पूर्व ब्रिटिश पीएम विंस्टन चर्चिल ने भी जब एडॉल्फ हिटलर की तारीफ की तो उन्हें अपने शब्द वापस लेने पड़े थे।'' वहीं, पार्टी के वाइस प्रेसिडेंट राहुल गांधी के दो महीने छुट्टी पर जाने पर दिग्विजय सिंह ने कहा, ''गुजरात के गांधीनगर जाएं और वोटरों से पूछें कि वे अपने अनुपस्थित एमपी लालकृष्ण आडवाणी के बारे में क्या कह रहे हैं?'' उधर, सोनिया के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल ने भी मोदी की तुलना दुर्योधन से कर डाली।