धार/मध्यप्रदेश। शिक्षा के भगवाकरण के आरोप लगाने वालों को केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने करारा जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि किसी व्यक्ति को महज इस आधार पर किसी पद से वंचित नहीं किया जा सकता कि वह संघ परिवार से जुड़ा है। मामला संघ से जुड़े इतिहासकार प्रो. वाई सुदर्शनराव को भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद के अध्यक्ष बनाने का है। स्मृति ने इसे जायज ठहराया।
एक चैनल को दिए इंटरव्यू में स्मृति ने दावा किया कि उन्होंने संविधान के दायरे में रहकर अपना काम किया है। राव की साख इस बात से नहीं कि वे संघ परिवार से जुड़े हैं। बल्कि उन्हें यूपीए सरकार के कार्यकाल में राष्ट्रीय प्रोफेसर बनाया गया था। उन्होंने इन आरोपों का भी खंडन किया कि उनके नेतृत्व में नई शिक्षा नीति का भगवाकरण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पहली बार देश में मोदी सरकार ने नई शिक्षा नीति बनाते समय जनता से विचार मांगे हैं। हर ग्राम पंचायत तथा प्रखंड की राय ली जा रही है।