रामजी मिश्र। उत्तर प्रदेश में शर्मसार करने वाला भ्रष्टता का नया मामला सामने आया है। यह मामला न सिर्फ जिम्मेदारों को घेरे में लेता है वरन कई सवाल खड़े कर देने वाला भी है। सीतापुर जिले के ब्रम्हावली गाँव के स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी एक सौ चार वर्षीय हनुमान प्रसाद अवस्थी गर्मी से बेहाल हैं। वहीँ जिले के जिलाधिकारी और उपजिलाधिकारी एसी की हवा खाते नजर आ रहे हैं।
अनोखी बात तो यह है कि इस गाँव को विद्युत विभाग भी पिछले कुछ सालों से सिर्फ कागजों पर ही बिजली देता रहा है। महोली में उपजिलाधिकारी का कार्यालय होने के कारण मानक से अधिक आपूर्ति की जा रही है। हालांकि विद्युत विभाग के आला अधिकारी इसे खारिज करते हैं लेकिन प्रत्यक्ष को प्रमाण की जरुरत ही क्या। इसके अतिरिक्त स्वयं पावर हॉउस भी इसकी पुष्टि कर चुका है। ऐसे में सवाल यह उठता है क्या यह वहीँ सपनों का भारत है जिसकी कल्पना देश के शूरवीरों ने अपना सब कुछ न्यौछावर कर के की थी।
सवाल कई हैं। अधिकारियों की लापरवाही से स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी को हो रहे कष्टों से बड़ी विडम्बना और क्या हो सकती है। आजादी के इस योद्धा से मिलते वक्त देखा गया कि वह पसीने से लथ पथ थे। ऊपर लगा पंखा शोपीस बना टंगा था। इधर जब बड़े बड़े कार्यालयों और उनके अधिकारी पंखे की हवा खाते नजर आ रहे थे। सवाल तो इस बात का है यह कैसी आजादी है और आजादी दिलाने वाले का कैसा सम्मान। इस सम्बन्ध में उपजिलाधिकारी से लेकर जिलाधिकारी तक सीधे तौर पर जिम्मेदार नजर आते हैं लेकिन सब मौन हैं।