16 साल बाद खुला मप्र के मंत्री की हत्या का राज

Bhopal Samachar
आनंद ताम्रकार/बालाघाट। मध्यप्रदेश के तत्कालीन परिवहन मंत्री लिखीराम कावरे की हत्या का राज आज 16 साल बाद जाकर खुला। इस मामले की सीबीआई भी जांच कर चुकी है परंतु कोई पता नहीं लगा पाया कि लिखिराम कांवरे की हत्या किसने की। अंतत: बालाघाट पुलिस की एक जांच में यह रोज खुलकर सामने आ गया।

मध्यप्रदेश के तत्कालीन परिवहन मंत्री लिखिराम कावरे की हत्या मलाजखंड दलम एवं स्पेशल गुरिल्ला स्क्वाड (एसजीएस) ने की थी 15 दिसंबर 1999 को की गई मंत्री कावरे की हत्या में 27 नक्सली शामिल थे इस बात का सनसनी खेज खुलासा पुलिस द्वारा गिरफतार किये गये 35 लाख रूपये के इनामी नक्सली दिलीप उर्फ गुहा ने किया है। कावरे हत्याकांड में उसने स्वयं के शामिल होने की बात से इनकार किया है।

गुहा ने पुलिस को पूछताछ के दौरान अवगत कराया की इस हत्याकांड की प्लानिंग के बारे में उसे जानकारी थी। यह उल्लेखनीय है कि तत्कालीन परिवहन मंत्री लिखिराम कावरे को बालाघाट जिले के किरनापुर स्थित उनके निवास ग्रह से बाहर निकालकर उनको कुल्हाडी से काट कर उनकी निर्मम हत्या कर दी गई थी।

यह भी उल्लेखनीय है कि 16 बरस पूर्व हुये इस हत्याकांड के संबंध में पुलिस और सीबीआई ने जांच की थी लेकिन आज तक यह पता नही चल सका की मंत्री की हत्या में किस का हाथ था।
दिलीप उर्फ गुहा के मुताबिक सेंटर कमेटी लीडर महेश मुरली की आन्ध्र में पुलिस द्वारा जहर देकर हत्या कर दी थी इसी का बदला ने के लिये देश के बडे़ राज नेताओं को प्लानिंग के तहत निशाना बनाया गया था।

लिखिराम कावरे की हत्या उसी टरगेट के तहत की गई। नक्सली गुहा ने पुलिस को यह भी अवगत कराया की कावरे की हत्या की वारदात में 27 नक्सली शामिल हुये थे जिनमें प्रमुख नक्सली सुरज टेकाम, संतोष, मदन और सुनिता आदि शामिल थे। इस वारदात में एसजीएस के 15 सदस्य और मलाजखंड दलम के 12 सदस्य शामिल थे।

दिलीप के अनुसार जिस समय लिखिराम कावरे की हत्या हुई वह दलम का सामान्य सदस्य था और कोरची दलम का वरिष्ठ सदस्य विजय दादा का सुरक्षा गार्ड था। इसी कारण कावरे की हत्या में वह शामिल नही हो सका। दिलीप ने यह भी बताया की खुखांर नक्सली बनने के पहले उसने पुलिस के 2 मुखबिरों की हत्या की थी। इसके बाद कोरची में उसने हथियार लूटे तब जाकर उसे बडी जवाबदारी सौपी गई।

दिलीप द्वारा उजागर किये गये इन तथ्यों की पुष्टि करते हुये पुलिस अधिक्षक श्री गौरव तिवारी ने बताया की लिखिराम कावरे की हत्या के संबंध में नक्सली दिलीप उर्फ गुहा द्वारा पुलिस को पूछताछ के दौरान दी है। उन्होने यह भी अवगत कराया की दिलीप से पूछताछ में कई चौंकाने वाली जानकारी प्राप्त हुई है जिसकी पुलिस द्वारा तश्दीक की जा रही है।

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