5 भाषाओं का जानकर है खूंखार नक्सली दिलीप, आत्मसमर्पण करने आया था

Bhopal Samachar
आनंद ताम्रकार/बालाघाट। विगत वर्ष 1995 से लेकर अब तक 200 से अधिक आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त रहने वाले एवं 32 लाख रूपये के ईनामी हार्डकोर नक्सली दिलीप उर्फ गुहा उइये को बालाघाट पुलिस ने 20 मई को गिरफ्तार किया। 19 हत्या, हत्या के प्रयास करने के 29 मामलों सहित अनेक कई मामलों में आरोपी रहे दिलीप को पुलिस ने सोनगुड़डा के कटंगटोला,कुरैझोडी के जंगल से गिरफ्तार किया था।

कल रविवार को इस संवाददाता ने दिलीप की मां झूनाबाई और उसकी मौसी के लडके भाई मेहरसिंह से मुलाकात कर चर्चा की तो चर्चा में मां झूनाबाई ने बताया की दिलीप सबसे पहले उससे मिलने आया और वह अपने आप को पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण करना चाहता था।
वह छत्तीसगढ से 17-18 मई को यहां आ गया था लेकिन इसकी किसी को भी जानकारी नही थी।
वही कुरैझोडी में एक रिश्तेदार के घर पर रूका था लेकिन पुलिस को किसी मुखबिर से सूचना मिलने पर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
उसके भाई मेहरसिंह ने बताया की पालागोंदी गांव के 2 सदस्य अभी भी दलम में शामिल है जिसमें दीपक और उसकी पत्नी सागन बाई शामिल है।
ये नाम दलम द्वारा दिये गये है जबकि गांव में उन्हें अन्य नाम से जाना जाता है।
उसने यह भी अवगत कराया की गांव के करीब 10 युवक भी नक्सली धारा से जुडकर दलम में जुड गये थे लेकिन वे दलम से लौटकर समाज की मुख्यधारा से जुडकर अन्य स्थानों में रहकर अपना जीवनयापन कर रहे है।
मां झूनाबाई ने बताया की दिलीप को गिरफ्तार करने के बाद उसकी पहचान करने के लिये पुलिस ने किरनापुर में उससे मिलवाया था।
मां बेटे की यह भेट करीब 4 साल बाद हुई थी लम्बे अरसे के बाद अपने बेटे को देखकर उसकी ममता जाग उठी और आंख में पानी भर आया उसको देखकर ममताभरे लहजे में उसने अपने बेटे दिलीप से पूछ लिया की बेटा तोला पुलिस परेशान तो नही करिस मारपीट तो नही करिस कैसे हयस तै खाबेला पिवेला दैइन का नही।
दिलीप को पहचान ने के बाद वह अपने घर लौट आई।
उधर गिरफ्तार नक्सली दिलीप द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर पुलिस ने छत्तीसगढ राज्य से 4 बंदूके, हेण्डगे्रनेड, बंदूक बनाने के उपकरण सहित अन्य औजार बरामद किये।
पुलिस अधिक्षक गौरव तिवारी के अनुसार नक्सली दिलीप से कई अहम जानकारी प्राप्त हुई है जिसके आधार पर अलग अलग स्थानों में दबिश दी जा रही है।
श्री तिवारी ने बताया की दिलीप महाराष्ट राज्य पुलिस का मोस्टवांटेड का नक्सली था उस पर महाराष्ट सरकार ने 16 लाख रूपये का इनाम भी घोषित किया गया है। उसने गढचिरौली क्षेत्र में सक्रीय रहते हुये लगभग 15-16 बंदूके भी लूटी है और कई अन्य वारदातों को अंजाम भी दिया है।
श्री गौरव तिवारी ने अवगत कराया की उसे पहले सीनियर स्टेट कमेटी सदस्य विजय का सुरक्षा गर्ड बनाया गया फिर उसे डिविजन ऐरिया कमेटी का मंेबर बनाया गया।
गौरव तिवारी ने बताया की दिलीप तीसरी  कक्षा तक पडा हुआ है लेकिन दलम में रहते हुये उसने दर्शनशास्त्र, समाजशास्त्र,राजनिति शास्त्र सहित अन्य विषयों का अध्ययन किया है दिलीप को हिन्दी, गोडी, मराठी, तेलगु, अंग्रेजी भाषाओं का ज्ञान हैै।

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