ग्वालियर। एमबीए छात्र के फ्लैट को खाली कराने पहुंची पुलिस ने न केवल मारपीट की बल्कि सामान भी सड़क पर फेंक दिया। इस दौरान दो छात्र घायल भी हो गए। घटना शनिवार दोपहर की है। जब छात्र थाने पहुंचे तो पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की। गुस्साए छात्रों ने रविवार को इस मामले में विश्वविद्यालय थाने का घेराव कर प्रदर्शन किया। छात्रों की मांग थी कि भू-मफियाओं का साथ देने वाले पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर एफआईआर दर्ज की जाए। विवाद बढ़ने पर सीएसपी जोर सिंह भदौरिया मौके पर पहुंचे और कार्रवाई का आश्वासन दिया तब स्थिति नियंत्रण में आई।
सिटी सेंटर स्थित ग्रीन पार्क में आशुतोष सिंह व धर्मेन्द्र व्यास नामक दो छात्र रहते हैं। आशुतोष विश्वविद्यालय से एमबीए कर रहा है, जबकि धर्मेन्द्र बीएससी। दोनों जिस फ्लैट में रहते हैं उसे वह कांग्रेस नेता रेसू तोमर का बताते हैं। पर कुछ लोग इस फ्लैट पर अपना हक बता रहे हैं। इस मामले में छात्र आशुतोष का आरोप है कि शनिवार दोपहर विश्वविद्यालय थाने में पदस्थ एएसआई जितेन्द्र शर्मा व प्रधान आरक्षक जानकीदास, 20 से 25 लोगों के साथ आए। उनमें बल्ली कमरिया भी था जो फ्लैट पर अपना हक बता रहा है। पुलिसकर्मियों ने छात्रों के साथ मारपीट की और उनका सामान छत से नीचे फेंकना शुरू कर दिया। जब इस मामले की शिकायत करने छात्र झांसी रोड थाने पहुंचे तो पुलिस अधिकारियों ने एफआईआर दर्ज नहीं की।
नाराज छात्रों ने घेरा थाना
शनिवार को एफआईआर दर्ज न होने से नाराज छात्र व उनके साथियों ने रविवार को विश्वविद्यालय थाने का घेराव कर दिया। करीब 3 घंटे छात्रों का प्रदर्शन चला। छात्रों की मांग थी कि बल्ली कमरिया व उसके साथियों सहित मारपीट कर सामान फेंकने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया जाए। मामला तूल पकड़ता उससे पहले ही सीएसपी जोर सिंह भदौरिया थाने पहुंचे। उन्होंने छात्रों से बातचीत की। सीएसपी ने छात्रों को आश्वासन दिया है कि वह मामले की जांच करेंगे और दोषी पाए जाने पर पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। इसके बाद छात्र शांत हुए और वापस लौट आए।