भोपाल। बारिश से पहले जिला प्रशासन और नगर निगम को फिर नालों पर हुए अतिक्रमण की याद आई है। बाढ़ जैसी आपदा से निपटने की तैयारी के लिए बुधवार को कलेक्टोरेट में हुई बैठक में यह तय हुआ है कि शहर के सभी नालों के आसपास हुए अवैध निर्माण और अतिक्रमण हटाए जाएंगे। कलेक्टर ने यह भी कहा है कि नालों पर बिल्डिंगें क्यों न बनी हों, इन्हें तोड़ने में देरी न करें।
शहर में 115 नाले हैं, इनमें आधे से ज्यादा के आसपास अतिक्रमण है। कई स्थानों पर तो पक्का निर्माण हो चुका है। कलेक्टर निशांत वरवड़े ने निगम कमिश्नर तेजस्वी नायक को निर्देश दिए हैं कि हफ्ते भर के भीतर इस तरह के निर्माण तोड़ने की कार्रवाई करें। कलेक्टर ने कहा कि नालों व नालियों में अवरोध के चलते पानी की निकासी नहीं हो पाती। यह बाढ़ की बड़ी वजह होती है। पिछले सालों में शहर को इसके परिणाम भुगतने पड़े हैं। ऐसे में जरूरी है कि बारिश से पहले सभी नाले-नालियों की सफाई कर ली जाए। नालों के पास पड़े कचरे का भी व्यवस्थित ढंग से निपटान किया जाए ताकि सफाई के बाद फिर से यह नालों में न मिल सके।
कचरा फैलाने वालों पर करें जुर्माना: कलेक्टर ने निगम आयुक्त से कहा कि मैरिज गार्डन, होटल संचालकों की मीटिंग लेकर उन्हें भी बता दें कि वे कैंपस से निकलने वाले कचरे को खुले में न फेंके। कचरा फैलाने वालों पर जुर्माना किया जाए।