मेक इन इंडिया की चीन में धमाकेदार एन्ट्री

Bhopal Samachar
अरविन्द मेनन। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अपने कार्यकाल के प्रथम एक वर्ष में चौथी बार पडोसी देश चीन जिस के साथ अतीत का अनुभव रोंगटे खड़ा कर देता है, से भेंट की। पं. नेहरू, राजीव गांधी, नरसिंह राव, अटलबिहारी वाजपेयी ने चीन के साथ समझौते पर संधियां की, लेकिन श्री नरेन्द्र मोदी ने अपने दौरे में होमवर्क करके जिस तरह कला संस्कृति का सहारा लेकर जिन पिंग को वैदेशिक परिदृष्य से प्रभावित किया और देश के सीमांकन, वास्तविक नियंत्रण रेखा सुनिष्चित करने के बारे में पहल की स्पष्टवादिता में चीन को अपने तेवर बदलने को विवश होना पडा। श्री नरेन्द्र मोदी ने पाक अधिकृत कश्मीर में चीन की अधोसंरचना विकास में पहल को भी मैत्री के प्रतिकूल बताया और भारत की चिंताओं से अवगत करा दिया। अब दोनों मुल्कों के बीच मेल मुलाकाते प्रोटोकाल और औपचारिकता में कैद रही।

श्री नरेन्द्र मोदी ने चीन में जाकर मेक इन इंडिया का ऐसे समय डंका पीटा जब चीन विश्व में विशेष रूप से भारत के बाजार पर एकाधिकार जमाने की जुगत में है। उन्होंने चीन के उद्योगपतियों और निवेशकों से भी भारत में निवेश का आग्रह किया और चीन में प्रवासी भारतीयों में स्वदेश प्रेम का जज्बा पैदा किया। उसी का नतीजा है कि पूर्ववर्ती सरकार जहां ब्रेन ड्रेन के लिए मातम मनाने तक सीमित थी। श्री नरेन्द्र मोदी ने भारतीय प्रवासियों निवेशकों से भारत लौटने की ललक पैदा कर दी। श्री नरेन्द्र मोदी ने ई वीजा को सरल सुगम बनाने की घोषणा कर चीन में नहला पर दहला मार दिया। इसे मेक इन इंडिया की धमाकेदार एन्ट्री और आर्थिक क्रांति के पडाव के रूप में अर्थशास्त्री देख रहे है। श्री नरेन्द्र मोदी ने अपने प्रारंभिक प्रवास में जहां बिना नाम लिए देशो की विस्तारवाद भी आकांक्षा को इंगित किया था। इस बार मंगोलिया में पहुचकर चीन को माकूल संदेश दिया है कि यदि भारत के विरूद्ध भारत के पडोस में पहुचकर साजिश की जा सकती है तो मंगोलिया में पैर जमाने से भारत भी चूकने वाला नहीं है। श्री नरेन्द्र मोदी ने राजनयिक कौशल से जिन पिंग को प्रभावित किया है, लेकिन चीन में जनतमंत्र नहीं वामदल की तूती बोलती है। पीएलए की महत्वाकांक्षाएं है। उन्हें भी श्री नरेन्द्र मोदी ने अपने तेवरों से अवगत कराने में कोताही नहीं की। इसका अंजाम क्या होगा कहना जल्दबाजी होगी, लेकिन श्री नरेन्द्र मोदी ने गेंद चीन के पाते में डाल दी है।

राष्ट्रीय आर्थिक विकास और राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से अब तक जिन 18 देशो में 56 दिन का प्रवास प्रधानमंत्री ने किया है वह हर दृष्टि से कामयाब और ऐतिहासिक सिद्ध हुआ है। इससे भारत में आए राजनैतिक परिवर्तन, प्रशासन में नई कार्य संस्कृति का खुला आगाज हुआ है और विश्व की शक्तियों के सोच में भारत के बारे में बेहतर बदलाव आया है।

  • लेखक भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश संगठन महामंत्री हैं।


#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!