भोपाल। मेडिकल कॉलेजों की सरकारी कोटे की एमबीबीएस सीटों को मैनेजमेंट कोटे से भरने के मामले में प्रदेश के 6 मेडिकल कॉलेजों पर लगे जुर्माने को अपीलीय प्राधिकरण ने सही ठहराया है। अपीलीय प्राधिकरण ने गुरुवार को यह फैसला सुनाया। इससे अब मेडिकल कॉलेजों को जुर्माने के 13 करोड़ 10 लाख रुपए पर 12 फीसदी सालाना की दर से ब्याज भी देना होगा।
एडमिशन एंड फीस रेग्युलेटरी कमेटी (एएफआरसी) ने प्रदेश के छह मेडिकल कॉलेजों पर स्टेट कोटे की सीटें मैनेजमेंट कोटे से भरने के मामले में 13 करोड़ 10 लाख रुपए का जुर्माना 25 जुलाई, 2014 को लगाया था। इसके बाद कॉलेज फीस कमेटी के निर्णय के खिलाफ अपीलीय प्राधिकरण में गए थे, जब से यहां सुनवाई चल रही थी। इस अवधि में सभी मेडिकल कॉलेज अपना जवाब कमेटी के सामने रख चुके हैं। इसके बाद डीएमई ने भी अपना जवाब अपीलीय प्राधिकरण को दिया। सभी के जवाब आने के बाद अपीलय प्राधिकरण ने निर्णय दे दिया है।
10 महीने चली सुनवाई
मेडिकल कॉलेजों पर लगे जुर्माने के मामले की सुनवाई अपीलीय प्राधिकरण में करीब 10 महीने तक चली। इस दौरान एक दर्जन पेशियां हुईं। इसमें सबसे अधिक समय डीएमई द्वारा जवाब देने में लगा।
8 महीने से लग रहा है ब्याज
प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों द्वारा एडमिशन में की गई गड़बड़ी की जांच हाईकोर्ट के निर्देश पर फीस कमेटी ने की थी। जांच में मेडिकल कॉलेजों की गड़बड़ी का खुलासा हुआ था। इसके बाद इन पर जुर्माना लगाया गया था। कमेटी ने बिना ब्याज के जुर्माने की राशि जमा करने 24 अक्टूबर, 2014 तक की मोहलत दी थी। इसके बाद 25 अक्टूबर से जुर्माने की राशि पर 12 फीसदी की दर से ब्याज लगना शुरू हो गया। अब कॉलेजों को ब्याज के साथ जुर्माने की राशि शासन के पास जमा करना होगी।
अब हाईकोर्ट जाने का विकल्प
अपीलीय प्राधिकरण में मेडिकल कॉलेजों के पक्ष में निर्णय आने के बाद अब कॉलेज हाईकोर्ट जा सकते हैं। हाईकोर्ट ने भी जुर्माने को सही ठहराया तो मेडिकल कॉलेजों के पास सुप्रीम कोर्ट जाने का विकल्प रहेगा, लेकिन इससे मेडिकल कॉलेजों पर 12 फीसदी की दर से ब्याज लगता रहेगा।
- कॉलेजों पर लगा जुर्माना
- चिरायु मेडिकल कॉलेज पर 2 करोड़ 25 लाख रुपए
- एलएन मेडिकल कॉलेज पर 2 करोड़ 25 लाख रुपए
- पीपुल्स मेडिकल कॉलेज पर 2 करोड़ 15 लाख रुपए
- इंदौर के इंडेक्स मेडिकल कॉलेज पर 5 करोड़ 25 लाख रुपए
- अरबिंदो मेडिकल कॉलेज पर 40 लाख रुपए
- उज्जैन के आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज पर 35 लाख रुपए
इनका कहना है
अपीलिय प्राधिकरण ने अपना फैसला दे दिया है। फीस कमेटी के निर्णय को जस का तस रखा गया है।
सुनील कुमार, ओएसडी, फीस कमेटी