अंबिकापुर। सरगुजा जिले के मैनपाट विकासखंड मुख्यालय नर्मदापुर निवासी पांच वर्षीय बच्चे की भूख से तड़प-तड़प कर हुई मौत ने सभी को दहला दिया है। मामले की जांच के लिए कांग्रेस ने जहां समिति गठित की वहीं प्रशासन भी हरकत में आया है।
रोजी-रोटी की तलाश में तीन मासूम बच्चों को साथ लेकर पिता जंगल में निकला दो बच्चों से बिछड़ गया। पिता से बिछड़े बच्चे का शव शुक्रवार की सुबह कतकालो के डुमरपारा में पेड़ के नीचे मिला एवं उसके भाई की हालत भी नाजुक थी। ग्रामीणों की सहायता से दूसरे बच्चे को बचा लिया गया।
शनिवार को लापता हुए मृत बच्चे के बड़े भाई को सीतापुर से बरामद कर लिया गया। कलेक्टर के निर्देश पर अधिकारियों ने मृत बच्चे के घर पहुंच बयान दर्ज किया। माझी जनजाति के इस अत्यंत गरीब परिवार का राशन कार्ड सत्यापन के दौरान 10 माह पूर्व प्रशासन ने निरस्त कर उन्हें दाने-दाने को मोहताज कर दिया। मामले में जिम्मेदारी लेने न तो जिले के अधिकारी तैयार हैं न क्षेत्र के जनप्रतिनिधि।
जानकारी के मुताबिक विकासखंड मैनपाट के नर्मदापुर खालपारा निवासी संगतराम मांझी अपने तीनों पुत्र राजाराम 9 वर्ष, सरवन 6 वर्ष एवं शिवकुमार 5 वर्ष के साथ रोजी-रोटी की तलाश में मंगलवार को पैदल ही सीतापुर आया था। यहां बच्चों के साथ उसने दो दिन बिताया। गुरुवार की शाम को वह अपने तीनों बच्चों को लेकर सखी के यहां ग्राम पीडिय़ा जाने निकला था। रात हो जाने के कारण अंधेरे में उससे दो बच्चे सरवन एवं शिवकुमार बिछड़ गए और भटकते हुए दोनों कतकालो डूमरपारा पहुंच गए।
अधिक रात होने की वजह से दोनों सुनसान इलाके में स्थित सेमर पेड़ के नीचे पड़े रहे। बताया जा रहा है कि शुक्रवार की सुबह आठ बजे कतकालो गांव की एक महिला पगडंडीनुमा रास्ते से अपने खेतों की ओर जा रही थी। अचानक उसकी नजर पेड़ के नीचे बेसुध पड़े बच्चों पर गई। महिला तत्काल मौके पर पहुंची तो देखा कि शिवकुमार की सांसे थम चुकी थी,जबकि उसके भाई सरवन की हालत भी गंभीर थी।
महिला ने घटना की सूचना बहुद्देशीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता रीतेश गुप्ता को दी। वे तत्काल मौके पर पहुंचे और गंभीर हालत में पहुंच चुके मासूम सरवन को खाना खिलाया तथा उसकी देखभाल शुरू की। गांव के चौकीदार के माध्यम से घटना की सूचना सीतापुर थाने में भिजवाई गई। घटना की गंभीरता को देखते हुए सीतापुर थाना प्रभारी के नेतृत्व में पुलिस बल तत्काल मौके पर पहुंचा और सरवन के भोजन पानी, छाया की व्यवस्था करा स्वास्थ्य विभाग के मैदानी कर्मचारियों को उसकी निगरानी में लगाया।
पुलिस जांच में पता चला कि मासूम भाई भटकते हुए कतकालो के डुमरपारा के पास पेड़ के पास पहुंचे थे। दिन में प्रचंड गर्मी और लू से भी उनके स्वास्थ्य पर असर प?ने की संभावना जताई जा रही है। जीवित बचे सरवन के मुताबिक उसके छोटे भाई शिवकुमार ने उससे खाना-पानी मांगा था परंतु उसकी भी हालत खराब हो चुकी थी। इसी बीच शिवकुमार भूख से त?पने लगा और उजाला होने से पहले उसकी सांसे थम गई। भूखे, प्यासे सरवन की हालत भी नाजुक हो चुकी थी परंतु गांव की एक महिला की नजर प? जाने के कारण उसे बचा लिया गया है।
पिता पहुंचा घर, बड़े बेटे का पता नहीं
घटना का दुखद पहलू यह है कि संगतराम के एक बेटे की मौत हो चुकी है, दूसरा बेटा किसी तरह बचा है लेकिन उसके बड़े बेटे राजाराम का अभी तक कोई पता नहीं चल सका है। वहीं पिता संगतराम घर पहुंच चुका है। पुलिस पूछताछ में पता चला है कि सीतापुर से सखी के यहां पि?िया जाने निकले संगतराम से उसके तीनों बेटे बिछ? गए थे। दो तो एक साथ थे लेकिन ब?ा बेटा राजाराम कहीं अलग भटक गया था। पिता संगत राम भी भटक कर फूलवारी जंगल पहुंच गया था। संगतराम के भाई शंकर को जानकारी लगने पर वह उसे घर लेकर चला गया। ब?े बेटे का अभी तक कोई पता नहीं चलने से परिजनों के साथ पुलिस भी बेचैन है।
राशनकार्ड निरस्त होने के बाद दाने-दाने मोहताज हुआ परिवार
संगतराम का परिवार बेहद गरीब था और अभावों में बमुश्किल परिवार का गुजर बसर हो रहा था। आर्थिक तंगी के कारण संगतराम के बीमार पत्नी की मौत पहले ही हो चुकी थी। तीनों बच्चों के लालन-पालन की जिम्मेदारी संगतराम के कंधों पर ही थी। उसके पास गरीबी रेखा का राशन कार्ड था जिसमें 35 किलो चावल मिलता था, परंतु कार्ड सत्यापन के दौरान उसका राशनकार्ड निरस्त कर दिया गया था।
इससे 35 किलो चावल मिलना भी बंद हो गया था एवं यह गरीब परिवार दाने-दाने को भी मोहताज हो गया था। आर्थिक तंगी और अभावों के कारण संगत की मानसिक स्थिति भी शायद खराब हो गई थी और यही कारण था कि वह अपने बच्चों के साथ रोजी-रोटी की तलाश में घर छो?कर सीतापुर चला गया था।
कैसे छूटे बच्चे, जांच का विषय-अपने पिता के साथ निकले तीन बच्चे अपने पिता से कैसे बिछड़ गए, यह जांच का विषय है। संभवत: पिता की मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी हालांकि वह इस संबंध में कुछ भी बता पाने की स्थिति में नहीं है।
पेट में नहीं गया कई दिनों से अन्न का एक दाना
मृत मासूम शिवकुमार की मौत के बाद सीतापुर में उसका पोस्टमार्टम कराया गया। पोस्टमार्टम में शिवकुमार की अतडिय़ां सिकुड़ी पाई गई। डा.एसएन पैकरा व डा.एम निकुंज की टीम ने शिवकुमार का पोस्टमार्टम किया। चिकित्सकों ने बताया कि भूख की वजह से शिवकुमार की अतडिय़ां सिकुड़ गई थीं। पेट में अन्न का एक दाना नहीं था। बहरहाल सीतापुर पुलिस मामले में मर्ग कायम कर जांच में जुटी हुई है। पोस्टमार्टम पश्चात शव को परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया है।
कांग्रेस ने बनाई जांच समिति
कांग्रेस ने बनाई जांच समिति बच्चे की भूख से मौत मामले में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने जांच समिति बनाई है। जांच समिति में विधायक अमरजीत भगत, पूर्व मंत्री डा.प्रेमसाय सिंह, कांग्रेस जिलाध्यक्ष अजय अग्रवाल, प्रदेश सचिव शफी अहमद,प्रदेश उपाध्यक्ष बालकृष्ण पाठक शामिल हैं। वे एक-दो दिनों में मैनपाट पहुंच मामले की जांच करेंगे एवं रिपोर्ट कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल को देंगे। पांच बच्चे भेजे जाएंगे सन्मार्ग-कलेक्टर सरगुजा के निर्देश पर संगतराम के परिवार की स्थिति एवं उसकी मानसिक हालत को देखते हुए उसके बचे दोनों बच्चों एवं प?ोस में एक परिवार के तीन बच्चों को सन्मार्ग भेजा जाएगा। पड़ोस के तीन बच्चों की मां की हत्या पिता ने कर दी थी एवं पिता जेल में है। उनके तीनों बच्चे भी सन्मार्ग भेजे जाएंगे।