भोपाल। चार वामपंथी दलों के राज्य स्तरीय साझे सम्मेलन में आज जनता के सामने दिनों दिन बढ़ती जा रही तकलीफों और उसकी रोजी-रोटी पर होने वाले हमलों के विरुद्द मिलकर संघर्ष छेड़ने का निर्णय लिया गया। वाम दल इसके लिए ऐसा प्रदेशव्यापी संयुक्त अभियान छेड़ेंगे जिसमे सिर्फ इन मुश्किलों की जिम्मेदार नीतियों की खिलाफत ही नहीं की जाएगी बल्कि उनके विकल्प में लाई जाने वाली देश तथा जनता की हितैषी नीतियों को भी सामने लाया जाया जाएगा।
राजधानी में नीलम पार्क में हुए इस खुले सम्मेलन को सीपीआई, सीपीआई(एम), एसयूसीआइ(सी) तथा सीपीआई(माले) लिबरेशन के नेताओं ने सम्बोधित किया।
सम्मेलन में बोलते हुए माकपा की पोलिट ब्यूरो सदस्य, पूर्व सांसद श्रीमती सुभाषिणी अली ने कहा कि अपने एक साल के कार्यकाल में प्रधानमंत्री मोदी ने सिर्फ अडानी और दूसरे पूंजी घरानों का व्यापार बढ़ाने के लिए यात्राएं की है। भारत के किसानो को तो सिर्फ आत्महत्याएं और भूमि से बेदखली ही मिली है। मध्यप्रदेश को मृत्यु प्रदेश बनाने वाले स्वयंभू मामा को उन्होंने कंस मामा की संज्ञा दी और चेतावनी दी कि वाम दलों की अगुआई में जनता उन्हें सबक सिखाएगी। उन्होंने कहा कि पुरातनपन्थ और साम्प्रदायिकता महिलाओं सहित बहुमत जनता के लोकतंत्र को छीन लेने पर आमादा है।
सीपीआई की राष्ट्रीय नेता श्रीमती अमरजीत कौर ने मजदूरों के पैरों में बेड़ियां डालने वाले क़ानून बनाने और पेट्रोल सहित रोजमर्रा की मंहगाई बढ़ा कर जनता के शोषण में वृद्दि करने के लिए मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि 26 मई को देश भर के श्रम संगठन मिलकर अखिल भारतीय हड़ताल के कार्यक्रम की घोषणा हैं। उन्होंने कहा कि देश में पैसे की कमी नहीं है- उसे खर्च किये जाने के तरीके की समस्या है।
एसयूसीआइ (सी) के राज्य सचिव प्रताप सामल ने शिक्षा के व्यापारीकरण तथा साम्प्रदायिकीकरण की नीतियों को देश में अज्ञान फैलाने की शासक वर्गों की साजिश का हिस्सा बताया। बिजली पानी सहित निजीकरण के सारे कदमों का वामपंथी दलों की ओर से उन्होंने विरोध किया। उन्होंने वामपंथी एकता का अभिनन्दन किया और कहा कि इसके जरिये ही देश में सच्चा विकल्प उभारा जा सकता है।
सीपीआई(माले) लिबरेशन के राज्य संयोजक देवेन्द्र सिंह चौहान ने आजादी की लड़ाई के दौरान वीरांगना महिलाओं के गौरवशाली योगदान का जिक्र करते हुए कहा कि मौजूदा हालात से उबरने की ताकत महिलाओं सहित देश की मेहनतकश जनता में है, वह मुखालफत भी करेगी और खुद अपना राज कायम करने के लिए भी लड़ेगी।
आमसभा को माकपा प्रमोद प्रधान, रामनारायण कुरारिया, भाकपा के राज्य सचिव अरविंद श्रीवास्तव, शैलेन्द्र कुमार शैली, एसयूसीआइ (सी) की सुश्री रचना अग्रवाल तथा मुदित भटनागर एवं सीपीआई(माले) लिबरेशन की सुश्री सूरज रेखा त्रिपाठी एवं गुरुदत्त शर्मा सम्बोधित किया। अध्यक्ष मंडल में जसविंदर सिंह (माकपा) हरिद्वार सिंह (भाकपा) उमा प्रसाद (एसयूसीआइ-सी-), मोहम्मद खान भारिया (सीपीआई-माले) शामिल थे।
सम्मेलन ने एक घोषणापत्र (संलग्न ) भी पारित किया।
बादल सरोज
सचिव सीपीआई(एम) मध्यप्रदेश