जबलपुर। 10वीं,12वीं की बोर्ड परीक्षा में की गई गड़बड़ी के मामले में माध्यमिक शिक्षा मंडल संभागीय कार्यालय के एक दर्जन अधिकारी, कर्मचारी निलंबित किए जा चुके हैं, वहीं अब निजी स्कूल भी कटघरे में आ गए हैं। अपात्र छात्र-छात्राओं को परीक्षा में बैठने की छूट दिए जाने के मामले में जिला स्तर पर डिप्टी कलेक्टर की अध्यक्षता में बनाई गई कमेटी छात्रों के दस्तावेज जांच रही हैं।
जांच में ये साफ हो चुका है जितनी लापरवाही मंडल के अधिकारी, कर्मचारियों ने की, उतनी ही निजी स्कूलों ने भी की है। उल्लेखनीय है कि कुछ निजी स्कूलों ने मंडल से सम्बंद्धता न मिलने के बाद भी छात्रों से परीक्षा फार्म भरवा कर भिजवा दिए, जबकि कुछ स्कूलों ने परीक्षा संबंधी मापदंड पूरे नहीं किए।
मंडल जाएगी जांच रिपोर्ट
डिप्टी कलेक्टर वीके कर्ण की अध्यक्षता में भोपाल से आई पांच सदस्यों की टीम जबलपुर संभाग के 895 छात्र-छात्राओं को तलब कर उनके दस्तावेज बारीकी से चेक कर रही है। जिसमें 12वीं के सर्वाधिक 858 और 10वीं के 37 छात्र-छात्राएं शामिल हैं। जांच अधिकारी खुलकर तो कुछ नहीं बता रहे पर इतना जरूर कह रहे हैं कि मामले में निजी स्कूलों की गलती भी सामने आ रही है। जिन बच्चों के परीक्षा परिणाम रोके गए हैं वे ज्यादातर निजी स्कूलों के हैं। मंडल के मापदंड पूरे किए बिना ही फार्म भरवाकर भिजवा दिए। रिपोर्ट लगभग फायनल हो चुकी है जिसे जल्द ही मंडल को भिजवाया जाएगा।
28 मई तक जारी हो सकते हैं रुके परिणाम
जांच अधिकारियों की माने तो दस्तावेजों की जांच प्रक्रिया दो दिन में मंडल को भेज दी जाएगी। मंडल के संभागीय अधिकारी इब्राहिम नंद ने बताया कि रोके गए छात्रों के परीक्षा परिणाम संभवतः 27-28 मई तक जारी कर दिए जाएंगे।
आगे क्या होगा
रिपोर्ट के आधार पर दोषी निजी स्कूलों पर हो सकती है कार्रवाई
मंडल के संभागीय अधिकारी, पीएन पंचोले सहित परीक्षा शाखा के 11 अधिकारी हो चुके हैं निलंबित
पुलिस जांच के बाद एफआईआर की है तैयारी
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जांच रिपोर्ट लगभग तैयार हो चुकी है। एक-दो दिन में माध्यमिक शिक्षा मंडल को भेज दी जाएगी।
वीके कर्ण,डिप्टी कलेक्टर
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रोके गए परीक्षा परिणाम जांच रिपोर्ट मिलने के बाद घोषित कर दिए जाएंगे।
एके चौरसिया, जनसंपर्क अधिकारी,माशिमं भोपाल