भोपाल। बात बात पर धमकी देने और हड़ताल पर चले जाने के आदी हो चुके जूनियर डॉक्टर ने अस्पताल का निरीक्षण कर रहे डिप्टी कलेक्टर को भी हड़का डाला। बाद में जब पता चला कि नौकरी भी जा सकती है तो माफी मांगने लग गया, लेकिन सवाल यह है कि जो जूनियर डॉक्टर अपने जांच अधिकारी को धमका सकता है वो मरीजों और उनके परिजनों से किस लहजे में बात करता होगा।
धार जिला अस्पताल में बुधवार को दैनिक निरीक्षण पर आए डिप्टी कलेक्टर सुधीर तारे से जूनियर डॉक्टर मनीष राठौड़ उलझ गए। दोनों में जमकर बहस हुई, लेकिन जब डिप्टी कलेक्टर भड़के तो जूनियर डॉक्टर के तेवर ढीले पड़ गए।
दरअसल, निरीक्षण के दौरान जब तारे इमरजेंसी ड्यूटी रूम में गए तो वहां डॉक्टर नहीं थे। तारे ने पूछा तो आरएमओ डाॅ. सुधीर मोदी ने कहा डॉ. मनीष राठौड़ की ड्यूटी है, वे अभी चिल्ड्रन वार्ड में हैं। तारे ने निरीक्षण की प्राेसिडिंग लिख रहे कर्मचारी से कहा, लिखो कि यहां डॉक्टराें की रोस्टर व्यवस्था ठीक नहीं है। ड्यूटी डॉक्टर से इमरजेंसी ओपीडी में ही काम लिया जाना चाहिए। इतने में डॉक्टर राठौड़ अंदर आ गए। डिप्टी कलेक्टर तारे से कहने लगे आपको जो लिखना है, लिखो, आप श्रेष्ठ हैं। यही बात बार-बार दोहराते हुए बहस करने लगे। इसके साथ ही डिप्टी कलेक्टर को धमकी देते हुए कहा आप कुछ भी करेंगे तो हम सहन नहीं करेंगे।
इतना सुनने के बाद तो डिप्टी कलेक्टर तारे भी उखड़े गए। उन्होंने पलट कर कहा मैं आपको सहन नहीं करूंगा। तुम्हे बताऊंगा कि मैं क्या हूं। इंदौर में दो हॉस्पिटल बंद कराए हैं। ऐसी ही बदतमीजी के कारण। मैं सर्वश्रेष्ठ हूं या नहीं यह तो मेरा अधिकारी जानता है। उन्हीं के निर्देश पर यहां सरकारी काम करने आया हूं। मेरे घर का काम नहीं है। बाद में सिविल सर्जन डॉ. सीएस गंगराड़े भी आ गए। डिप्टी कलेक्टर के तेवर देख जूनियर डॉक्टर नर्म पड़ गए।
आरएमओ के जवाब भी नोट करवाए
डिप्टी कलेक्टर तारे सीनियर सिटीजन को दवा वितरण वाले स्थान पर निरीक्षण कर रहे थे। रिकॉर्ड दुरुस्त नहीं होने पर कर्मचारी जवाब दे रही थीं। तभी आरएमआे डॉ. मोदी ने कहा सर हम अकाउंटेंट थोड़े ही हैं। तारे ने कहा आप अकाउंटेंट भले ही नहीं हो, लेकिन यह सब देखना तो आपकी ही ड्यूटी है। प्रोसिडिंग लिखने वाले से कहा कि ये कैसे जवाब दे रहे हैं, यह भी लिखो। इनका कहना है मैं अकाउंटेंट नहीं हूं। पास में ही शूगर मरीजों के उपकरण वितरण के रिकॉर्ड पर भी आपत्ति ली तो डॉ. मोदी कहने लगे हमारे प्रथम श्रेणी अफसरों को यह चीजें देखना चाहिए, हमारा काम नहीं है। तारे ने कहा आप बहस मत कीजिए ऐसा है तो यही बात आप लिखकर दे दीजिए।
हम भी तो आपका काम कर रहे हैं
आरएमओ के जवाबों पर तारे बोल पड़े कि आप गिना रहे हैं कि क्या आपके काम है, क्या नहीं। मुझे शर्म आ रही है कि अपने से ज्यादा वेतनमान वाले सीनियरों के यहां निरीक्षण करना पड़ रहा है। यह सब आपका काम है, जो हमें करना पड़ रहा है।
किचन भी देखा
डिप्टी कलेक्टर तारे के साथ जिला आपूर्ति अधिकारी अमरसिंह अजनार भी मौजूद थे। विभिन्न वार्डों व ओपीडी आदि निरीक्षण के बाद किचन भी चेक किया गया। कलेक्टर द्वारा दिए आदेश में जांच के एक-एक बिंदू के आधार पर जांच की गई और कमियां नोट की गईं।
यह है मामला
बार-बार निर्देश के बावजूद जिला अस्पताल की अव्यवस्थाओं में सुधार नहीं होने और स्वास्थ्य विभाग के अफसरों की एक-दूसरे की लापरवाही पर परदा डालने की गतिविधियों को देख कलेक्टर ने प्रशासनिक अफसरों की ड्यूटी जिला अस्पताल के दैनिक निरीक्षण के लिए लगाई है। उनके साथ अन्य विभागों के अफसरों को भी सहयोग के लिए लगाया है। अफसर रोजाना निरीक्षण कर कमियां तलाश रहे हैं और प्रतिवेदन कलेक्टर के मार्फत शासन को भेजा जा रहा है।
जूनियर डाॅक्टर जोश में बोल गए थे
जूनियर डाॅक्टर जोश में बोल गए थे। बड़ा इशू नहीं है। बाद में उन्हें भी अपनी गलती का अहसास हो गया।
डॉ. सुधीर तारे, डिप्टी कलेक्टर धार