रतीराम श्रीवास/टीकमगढ। वर्ष 2008 मे केन्द्र सरकार ने प्रदेश की सहकारिता बैंक से संबंधित सेवा सहकारी समितियों मे ऋणदाता किसानों को ऋण राहत देने के उदेश्य से जिला सहकारिता बैंक टीकमगढ मे करोडो की राशि आंवटित की थी। जिला सहकारिता बैंक के अधिकारियों सहित जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी ने अपने अधीनस्थ सेवा सहकारी समिति के सैल्समैन समिति प्रबंधको से साठ गाठ कर किस तरह करोडो की राशि को चपत लगाकर मालामाल हो गये। किसी को भनक तक नही लगी। यह राशि केवल जिला टीकमगढ की सहकारिता सेवा सहकारी समिति बैंक का घोटाला है अगर इसकी उच्च स्तर पर जाॅच की जाये तो बडा घोटाला सामने आयेगा इसकी जाॅच कराने की जिम्मेदारी काग्रेस पार्टी की बनती है क्योकि तत्कालीन पूर्व काग्रेस सरकार के प्रधानमंत्री डाॅ. मनमोहन सिंह ने राशि आवंटित की थी ऐसे किसानो के नाम ऋण दिखाया गया है जिन्होने कभी सोसायटी से ऋण लिया ही नही है और उन्हे ऋणी बना दिया गया है। जब गाॅव के कुछ जागरूक किसानो को इस फर्जीबाडे की भनक लगी तब उन्होने इसकी शिकायत जिला प्रशासन से की लेकिन जिला प्रशासन की साॅठ गाॅठ होने से आज तक कोई कार्रवाई नही हुई हे अगर इसकी बडे स्तर से जाॅच करायी जाये तो करोडो का घोटाला उजागर होगा और भा.ज.पा. सरकार की पोल खुल जायेगी अब देखना हे की प्रदेष सरकार के खाद्य मंत्री सचिव क्या पैतरा अजमाते हे की यह करोडो की राषि का पर्दा फास हो जाये