सारंगपुर। राजगढ के सेकडों ग्रामीण स्कूलों में तैनात करीब 630 शिक्षकों को अतिशेष की कतार में खडा कर देने से शिक्षक जगत में हंगामा मख् गया था. सनसनी फेल गयी थी. सारंगपुर, जीरापुर, नरसिंहगढ में दलालों, मौकापरस्तों के सक्रिय हो जाने के आरोप जडे गए. सारंगपुर में तो गहरी पेछ रखने वाले एक शिक्षक के खिलाफ उगाई के सबूत तक दिये गए. नरसिंहगढ में ज्ञापन थमाया गया.
राजगढ में शिक्षकों ने तंबू गाड धरना दिया. नतीजा. धरना देने एंव ज्ञापन देने वालों का आरोप था कि सूची में पारदर्शिता और युक्तियुक्त की जगह मनमानी, अनियमितताओं की भरमार है. निर्धारित मापदंडों,प्रक्रियां को बलाएं ताक रख दिया. जिससे शिक्षकों का अंसतोष सडक पर आ गया. हलाकी विभाग ने बीईओ के माध्यम से दावे-आपत्तिया ले ली है. आपत्तियां दर्ज कराने के बाबजूद अनेक शिक्षक का मनोबल लौटा नहीं है. विभाग का मत हे कि जिन शालाओं में विधार्थी संख्या कम और शिक्षक ज्यादा है. वहीं से शिक्षकों को हटाया जाना प्रस्तावित है. सूची की समीक्षा के बाद विभाग सूची को अंतिम रूप देकर जिला पंचायत सीईओं के पास भेजेंगा. ये सूची 04 जून तक जारी होने की संभावना है. सेकडों शिक्षकों को इधर से उधर होने की संभावना है. सीईओं की खास नजर महीनों तक कपाट बंद पडे या निरंतर शिक्षको के नदारद रहने वाली सेकडों शालाओं पर है. इन शालाओं को एसडीएम और जिला पंचायत सीईओं ने भी चेक करके आप्रेशन किया था.