महंगाई: इस देश में 10 हजार रुपए की एक चॉकलेट...

Bhopal Samachar
सेंट्रल डेस्क/भोपाल समाचार। महंगाई का सबसे खौफनाक मंजर यदि देखना है तो जिम्बाब्वे आइए। यहां वो सबकुछ होता है जो भारत में व्यंग्यकार अपने लेख और कविताओं में सुनाया करते हैं। भारत का भविष्य दिखाया करते हैं। यहां लोग बड़े बैग में करंसी नोट भरकर ले जाते हैं और बदले मेंं उन्हें दूध व सब्जियां मिल पातीं हैं। कई बार ऐसा होता है कि दिन में 2 बार किसी वस्तू के दाम बढ़ जाते हैं। महंगाई इतनी बड़ गई है कि सरकार ने 10 खरब रूपए का नोट छापा, लेकिन फिर भी काम नहीं चला और पब्लिक ने इस देश की करंसी का यूज करना ही बंद कर दिया, क्योंकि उसे लाने ले जाने में काफी मशक्कत करनी पड़ती थी। इन दिनों इस देश में 35 लाख खरब जिम्बाब्वे करंसी के बदले 1 अमेरिकी डॉलर मिलता है। भारत में 62 रुपए के बदले 1 डॉलर मिलता है।

जिम्बाब्वे के हालात यह हो गए हैं कि अब वो अपने देश की करंसी को कंटीन्यू करने की पोजीशन में भी नहीं बचे। यहां राष्ट्रपति ने अपने ही देश की करंसी के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। अब यहां केवल अमेरिकी डॉलर्स ही चलेंगे।

पढ़िए क्या क्या हुआ
2008 में मुद्रास्फीति की दर 500 बिलियन प्रतिशत तक चले जाने के बाद महंगाई आसमान छू गई। इसके बाद देश में अमेरिकी डॉलर्स और दक्षिण अफ्रीकी करेंसी रेंड का इस्तेमाल किया जाने लगा। मुद्रास्फीति की दर आसमान छूने से जिम्बाब्वे की करेंसी की वैल्यू जमीन पर आ गई। एक आंकड़े के मुताबिक, वर्तमान में एक अमेरिकी डॉलर की कीमत जिम्बाब्वे करेंसी में 35,000,000,000,000,000 जिम्बाब्वे डॉलर हो गई है।

2008 में आर्थिक संकट की बानगी कुछ ऐसी थी कि जिम्बाब्वे के लोग प्लास्टिक बैग में नोटों के बंडल भरकर ले जाते थे और दुकानदार से बुनियादी वस्तुओं जैसे दूध, ब्रैड और अंडा खरीद कर लाते थे। कई बार ऐसा भी होता था कि दिन में दो बार चीजों के दाम बढ़ जाते थे।

रिजर्व बैंक ऑफ जिम्बाब्वे (आरबीजेड) के गर्वनर जॉन मांगुद्या ने बताया कि बैंक सोमवार से मार्च 2009 के पहले वाले खाताधारकों के जिम्बाब्वे डॉलर्स के बदले अमेरिकी डॉलर्स एक्सचेंज करेगा। यह लोकल करेंसी को खत्म करने की वैध प्रक्रिया है। जिम्बाब्वे के नागरिक सितंबर तक बैंक नोट को बदलवा सकते हैं। कई लोग स्मृति चिह्न के रूप में इसे विदेशी पर्यटकों को बेचने की तैयारी भी कर रहे हैं।

अभी वर्तमान में बैंक अकाउंट में बैलेंस के नाम पर इस समय 175 क्वाड्रिलियन जिम्बाब्वे डॉलर्स हैं। जिनकी कीमत सिर्फ पांच डॉलर है। जिनके पास 175 क्वाड्रिलियन ऊपर होगा, उन्हें 35 क्वाड्रिलियन जिम्बाब्वे डॉलर्स के बदले एक डॉलर दिया जाएगा।

2008 में आखिरी बार आरबीजेड ने 100 ट्रिलियन जिब्माब्वे डॉलर का बैंक नोट छापा था। जो पूरे सप्ताह के बस किराए की कीमत भी नहीं है। आरबीजेड के मुताबिक, कस्टमर्स द्वारा छिपाए गए 250 ट्रिलियन के पुराने नोट भी बदले एक डॉलर दिया जाएगा। इसका मतलब, जिसके पास 100 ट्रिलियन के नोट हैं, उसे सिर्फ 40 सेंट (डॉलर से छोटी यूनिट) मिलेंगे। बैंक को करीब जिम्बाब्वे डॉलर्स के बदले 20 मिलियन डॉलर (128 करोड़ रुपए) का भुगतान होने की आशा है।

इसे ऐसे भी समझ सकते हैं
Million: 1,000,000
Billion: 1,000,000,000
Trillion: 1,000,000,000,000
Quintillion: 1,000,000,000,000,000,000
Sextillion: 1,000,000,000,000,000,000,000
Nonillion: 1,000,000,000,000,000,000,000,000,000,000

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