व्यापमं घोटाला: शिवराज के रिश्तेदार को भी देने पड़े थे 30 लाख

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भले ही अपने रिश्तेदार और पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य गुलाब सिंह किरार की गिरफ्तारी बचाने में कामयाब रहे हों परंतु मेडिकल सीट तो उन्हे भी फ्री में नहीं मिल पाई थी। इसके लिए उन्होंने भिंड के एक पत्रकार को 30 लाख रुपए दिए थे। इस खुलासे के बाद साफ हो गया है कि व्यापमं घोटाला बहुत ही प्रोफेशनली एक्जीक्यूट किया गया और डीमेट इससे भी ज्यादा।

पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य गुलाब सिंह किरार के बेटे शक्ति प्रताप सिंह को सीट दिलाने वाले  दलाल नवीन शर्मा को पकड़ लिया गया है। आरोपी भिंड में गुलाब सिंह किरार के बंगले के ठीक सामने रहता है और एक दैनिक समाचार पत्र का संपादक है।

एसटीएफ प्रभारी (एएसपी) वीरेंद्र जैन ने बताया कि नवीन पुत्र त्रियोगी शर्मा निवासी भिंड को शनिवार सुबह एसआईटी ने भिंड से गिरफ्तार किया है। आरोपी का एक मकान बलवंत नगर में भी है। पकड़े जाने के बाद नवीन शर्मा ने यह बात कबूल कर ली है कि उसी ने गुलाब सिंह किरार से 30 लाख रुपए लेकर गौरव भदौरिया के माध्यम से प्री-पीजी में आंसरशीट पर गोले काले कराकर सिलेक्शन कराया था।

सेकंड रैंक आई थी
गुलाब सिंह किरार के पुत्र शक्ति प्रताप सिंह किरार की 2011 में प्री-पीजी में सेकंड रैंक आई थी। शक्ति प्रताप सिंह की इस उपलब्धि पर मेडिकल क्षेत्र भी हतप्रभ था। व्यापमं घोटाले की जांच में एसआईटी को इस बात के पुख्ता प्रमाण मिले कि शक्ति प्रताप सिंह का प्री-पीजी में सिलेक्शन फर्जीवाड़े से हुआ है। झांसी रोड थाने में गुलाब सिंह व उनके बेटे शक्ति प्रताप सिंह के खिलाफ मामला आरटीआई कार्यकर्ता आशीष चतुर्वेदी ने दर्ज कराया था।

5 लाख मिली थी दलाली
नवीन शर्मा ने बताया कि गुलाब सिंह किरार ने शक्ति प्रताप सिंह का प्री-पीजी में सिलेक्शन कराने के एवज में उसे 30 लाख रुपए दिए थे, जिसमें से 25 लाख रुपए उसने गौरव भदौरिया को दिए थे। दलाली के रूप में उसके पास 5 लाख बचे थे।

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