भोपाल। व्यापमं घोटाले की जांच अब सिर्फ शिकायतों या एक्सलशीट में मिले नामों तक सीमित नहीं रहेगी। एसआईटी उन सभी चयनित उम्मीदवारों की जांच करवाने जा रही है, जिनका चयन व्यापमं द्वारा वर्ष 2011 से 2013 के बीच आयोजित परीक्षाओं में हुआ है। इस व्यापक जांच की मंजूरी जबलपुर हाईकोर्ट से मिलने के बाद एसआईटी ने इसके निर्देश एसटीएफ को दे दिए हैं।
निर्देशों में स्पष्ट तौर पर जुलाई से जांच शुरू करने कहा गया है। एसआईटी का मानना है इस जांच के बाद फर्जी तरीके चयनित हुए उम्मीदवारों का बड़ी संख्या में खुलासा होगा। इससे पूर्व 2400 उम्मीदवारों को एसटीएफ विभिन्न मामलों में आरोपी बना चुकी है, जिनमें करीब 500 उम्मीदवार फरार हैं। एसआईटी चेयरमेन जस्टिस चंदे्रश भूषण के मुताबिक सभी चयनित उम्मीदवारों की जांच के बाद मामले में स्थिति पूरी साफ हो जाएगी। हालांकि इस जांच समय लगेगा। वहीं एसटीएफ इन निर्देशों को लेकर पशोपेश में है। इसकी वजह पर्याप्त बल नहीं होना है।
वर्ष 2011 से 2013 के बीच व्यापमं ने 55 भर्ती और प्रवेश परीक्षाएं आयोजित की हैं। इन परीक्षाओं के माध्यम से करीब चालीस हजार उम्मीदवारों का चयन हुआ है। इस दौरान डायरेक्टर और परीक्षा नियंत्रक पंकज त्रिवेदी, चीफ सिस्टम एनालिस्ट नितिन महिन्द्रा, असिस्टटेंट सिस्टम एनालिस्ट अजय सेन और परीक्षा प्रभारी के तौर पर सीके मिश्रा व्यापमं में पदस्थ थे। एसआईटी को आशंका है कि त्रिवेदी के कार्यकाल में ऐसी कोई भी परीक्षा नहीं हुई है, जिनमें फर्जीवाड़ा नहीं हुआ है।
त्रिवेदी के कार्यकाल में हुईं प्रमुख परीक्षाएं
परिवहन आरक्षक भर्ती परीक्षा, पीएमटी, पीईटी, पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा, सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा, प्रीपीजी, डाटा एंट्री ऑपरेटर भर्ती परीक्षा, वन रक्षक भर्ती परीक्षा, आयुष पैरा मेडिकल प्रवेश परीक्षा समेत 55 विभिन्न परीक्षाएं आयोजित की गई हैं।
ऐसे होगी जांच
एसटीएफ अब सभी चयनित उम्मीदवारों की ओएमआर शीट व्यापमं से लेगी। इसके बाद उम्मीदवारों को एसटीएफ के थाने में तलब किया जाएगा। इसके बाद ओएमआर में सैंपल के तौर पर ली गई हैंडराइटिंग का मिलान उम्मीदवारों से हैंडराइटिंग का नमूना लेकर किया जाएगा। इससे पता चल सकेगा कि परीक्षा में उम्मीदवार स्वयं शामिल हुआ था या उसने किसी अन्य को शामिल करवाकर परीक्षा पास की है। इसके अलावा चयनित उम्मीदवारों के आगे पीछे बैठने के अंकों की भी जांच की जाएगी। इससे पता चल सकेगा कि उसने नकल तो नहीं की है।
आसान नहीं जांच
एसटीएफ से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक 40 हजार उम्मीदवारों की नियुक्ति और एडमिशन की जांच करना आसान नहीं है। एसटीएफ के पास वर्तमान में एक एडीजी, चार एआईजी समेत करीब 300 अधिकारी कर्मचारियों का स्टाफ है। इतनी कम बल संख्या में चालीस हजार उम्मीदवारों की जांच आसान नहीं होगी। इसके लिए संबंधित जिले की पुलिस की भी मदद लेना आवश्यक होगा।