ग्वालियर। 25 लाख रुपए देकर प्री-पीजी में सिलेक्शन कराने के मामले मे फरार चल रही डॉ. ऋचा जौहरी सोमवार को एसआईटी के दफ्तर में बयान देने पहुंची। अपने एक साल के बेटे को लेकर पहुंची ऋचा ने कबूल किया कि पिता डॉ. एमएस जौहरी के कहने पर ही उसने प्री-पीजी परीक्षा में 80 से 85 फीसदी गोले खाली छोड़ दिए थे। यह गोले कहां भरे गए, इसकी जानकारी उसे नहीं है।
ऋचा रविवार दोपहर किराए की कार से एसआईटी के दफ्तर पहुंची। उसके साथ एक युवक और एक युवती और थी। दोनों की मौजूदगी में सीएसपी विवेक लाल ने डॉ.ऋचा से पूछताछ कर उसके बयान दर्ज किए। करीब एक घंटे तक ऋचा एसआईटी के दफ्तर में रुकी। उसके बाद कार में बैठकर निकल गई। डॉ.ऋचा जौहरी कहां रुकी है, इसे गोपनीय रखा गया है। डॉ.ऋचा जौहरी को हाईकोर्ट ने 23 जून तक के लिए उसकी गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए 21 जून को एसआईटी के सामने पेश होने के निर्देश दिए थे। एसआईटी ने सोमवार को फिर डॉ. ऋचा जौहरी को पूछताछ के लिए बुलाया है।
फिर कहा-बेटे की तबीयत खराब है
डॉ.ऋचा एक साल के बेटे को बुखार होने की बात कहकर एसआईटी के हाथ से निकल गई थी। उसने एसआईटी को भरोसा दिलाया था कि वह 3 दिन बाद खुद एसआईटी के सामने हाजिर हो जाएगी, लेकिन हाजिर होने की बजाए वह भेष बदलकर फरार हो गई और रविवार को एसआईटी के सामने कोर्ट से मिली राहत का आदेश लेकर पहुंची। डॉ.ऋचा ने एसआईटी को बताया कि अब भी उसके बेटे की तबीयत खराब है और वह गर्मी के कारण उसे बार-बार पानी पिला रही थी। बेटे की तबीयत का हवाला देकर डॉ.ऋचा ने शेष पूछताछ सोमवार को करने का आग्रह किया, जिसे एसआईटी ने स्वीकार कर लिया।
जमानत पर 23 को ग्वालियर खंडपीठ में होगी सुनवाई
19 जून को मुख्य न्यायाधीश अजय माणिकराव खानविलकर की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने डॉ.ऋचा जौहरी की जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए अग्रिम जमानत अर्जी पर 23 जून को ग्वालियर बेंच में सुने जाने की व्यवस्था दी है।