भोपाल। मध्य प्रदेश के हरदा जिले को खुले में शौच जाने की बुराई से मुक्त करने के लिए एक अनूठी पहल की गई है। जिला प्रशासन द्वारा खुले में शौच मुक्त गांवों से प्राप्त होने वाले दूध की कीमत पर प्रति लीटर 25 पैसे अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि दी जा रही है।
हरदा कलेक्टर रजनीश श्रीवास्तव ने कहा कि अब तक जिले के 30 गांवों को स्वच्छ भारत अभियान के तहत खुले में शौच की बुराई से मुक्त किया जा चुका है और इन गांवों से प्राप्त होने वाले दूध पर हम 25 पैसे अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि दे रहे हैं।
राज्य कार्यक्रम अधिकारी (स्वच्छ भारत मिशन) हेमवती वर्मन ने बताया कि हरदा जिले का यह कदम प्रेरणादायक है। इससे स्वच्छता के सामुदायिक अभियान को गति मिलेगी। खुले में शौच मुक्त गांवों का परिवेश स्वच्छ होता है। इनमें पशु, स्वच्छ वातावरण में रहते हैं और मानव मल रहित चारे का सेवन करते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे दुधारु पशुओं से प्राप्त दूध का बाजार में उच्च मूल्य दिलाने के लिए जिला प्रशासन के अनुरोध पर 'सहयोग डेयरी' प्रबंधन ने यह अनूठी पहल की है।
खुले में शौच नहीं करने पर यहां सस्ता मिलेगा दूध जिला प्रशासन द्वारा खुले में शौच मुक्त गांवों से प्राप्त होने वाले दूध की कीमत पर प्रति लीटर 25 पैसे अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि दी जा रही है।
श्रीवास्तव ने बताया कि 'सहयोग डेयरी' की यह अनूठी पहल ऐसे सभी गांवों को खुले में शौच की बुराई से मुक्त बनने की प्रेरणा देगी, जहां अभी खुले में शौच की प्रथा कायम है। अभियान से गांव में स्वच्छता के लिये प्रतिस्पर्धा भी पैदा होगी और ग्रामीण स्वच्छ परिवेश में पशुपालन और दुग्ध उत्पादन के लिये प्रेरित होंगे। जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी प्रिया मिश्रा ने बताया कि दूध उत्पादन में हरदा एक अग्रणी जिला है।
यहां अधिकतर परिवारों के पास पशुधन हैं। एक नई पहल के रुप में 'सहयोग स्वच्छ दुग्ध प्राइवेट लिमिटेड', हरदा द्वारा खुले में शौच की बुराई से मुक्त हो चुके गांव में उत्पादित दूध के लिये 25 पैसे प्रति लीटर की प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। उन्होंने बताया कि खुले में शौचमुक्त गांवों की स्वच्छता की स्थितियों की सतत निगरानी भी डेयरी कार्यकर्ताओं द्वारा की जाती है।