व्यापमं घोटाला: विपिन गोयल को अब तो जेल में जाना पड़ेगा

जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने भोपाल बिल्डर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विपिन गोयल को झटका देते हुए जमानत अर्जी खारिज कर दी। इसी के साथ एसटीएफ को नियमानुसार कार्रवाई के लिए स्वतंत्र कर दिया गया।

सोमवार को मुख्य न्यायाधीश अजय माणिकराव खानविलकर व जस्टिस केके त्रिवेदी की डिवीजन बेंच में मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान राज्य की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता पुरुषेन्द्र कौरव व पैनल लायर प्रकाश गुप्ता ने जमानत अर्जी का विरोध किया। उन्होंने दलील दी कि आवेदक पर अपने भांजे प्रखर सिंघल को व्यापमं द्वारा आयोजित प्री-पीजी परीक्षा में अनुचित लाभ दिलाने का आरोप है। इसके लिए उसने नितिन महिन्द्रा से संपर्क साधा था।

बहस के दौरान कहा गया कि आवेदक पूर्व में अग्रिम जमानत के लिए सेशन कोर्ट, फिर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक गया। वहां से निराशा हाथ लगने पर हाईकोर्ट में हाजिर होकर अग्रिम जमानत की कोशिश की। हाईकोर्ट ने उसे न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया। इसके बावजूद वह जेल से अस्पताल पहुंच गया। वहां परिजनों से मुलाकात करता रहा। इसकी जानकारी लगने पर हाईकोर्ट ने एसटीएफ को पूरे मामले की जांच के निर्देश दे दिए।

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