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यहां अस्पताल में भर्ती हर महिला को लगा दी जाती है कॉपर टी

मंडला। सरकार द्वारा परिवार नियोजन करने पर स्टॉफ नर्सों और डॉक्टरों के लिए किया गया प्रोत्साहन राशि का प्रावधान गांव की भोली भाली महिलाओं के अभिशाप बन गया है। जबकि नर्सों के लिए अतिरिक्त कमाई का जरिया बन गया है। ज्यादा से ज्यादा प्रोत्साहन राशि झटकने की होड़ में जिला अस्पताल की नर्सें प्रसव के लिए आने वाली महिलाओं को बिना सहमति के और बिना बताए ही कापर टी लगा रहीं हैं। जिससे पहली बार मां बनने वाली महिलाएं भी अनजाने में परिवार नियोजन की शिकार हो रहीं हैं।

हर केस पर 150 रुपए
कापर टी लगाने पर नर्सों को हर केस पर 150 रुपए प्रोत्साहन राशि दी जाती है। जिसके लालच में महिलाओं को बिना बताए ही उनका परिवार नियोजन कर दिया जाता है। जानकारी के मुताबिक इसके जरिए कई नर्सें 30 से लेकर 50 हजार रुपए तक हर माह अतिरिक्त कमा रही हैं। कई महिलाएं कापर टी की जगह ऑपरेशन कराना चाह रही हैं लेकिन उन्हें भी कापर टी लगा दी गई है।

अधिकांश को नहीं जानकारी
शनिवार को जिला अस्पताल पहुंचकर जब मीडिया ने इसकी जानकारी ली तो चौंकाने वाली बातें सामने आईं। जच्चा-बच्चा वार्ड में अधिकांश महिलाओं को जानकारी नहीं है कि उन्हें कापर टी लगा दी गई है। कुछ महिलाओं को इस बात की जानकारी लगी तो उन्होंने इसे लगवाने से मना कर दिया।

20 दिन में हुए 150 प्रसव
जानकारी के मुताबिक एक जून से 20 जून तक करीब 150 महिलाओं के प्रसव हुए हैं। जिनमें से करीब 90 महिलाओं को कापर टी लगा दी गई है और अधिकांश को इसकी जानकारी नहीं है। सीधा गणित है कि 90 महिलाओं को लगाई गई कापर टी की प्रोत्साहन राशि लगभग साढ़े तेरह हजार नर्सों को मिलेगी।

पचास हजार कमाए
जिला अस्पताल में पदस्थ एक नर्स ने बताया कि पिछले डेढ़ माह में कापर टी लगाने पर मुझे सरकार से 50 हजार रुपए मिले हैं। जिसे सुनकर आसपास के लोग हतप्रभ रह गए। इस वार्ड में एक नर्स ने बताया कि मई में करीब 340 प्रसव हुए थे।

क्या है कापर टी
कापर टी परिवार नियोजन के लिए महिलाओं को लगाई जाती है। एक निश्चित समयावधि के बाद इसे हटाया जा सकता है। साथ ही स्वेच्छा से कभी भी हटवाया जा सकता है। वर्तमान में यह 10 साल के लिए लगाई जा रही है। इसके एक या दो वर्ष पूर्व इसे बदलवा लेना चाहिए। कापर टी लगाने से परिवार नियोजन में सहुलियत तो होती है लेकिन जब यह खिसक जाती है तो काफी मात्रा में खून बहता है जो शरीर के लिए नुकसान दायक है।

केस नं. 1
ग्राम टिकरवारा की रहने वाली नेहा पटैल ने बताया कि जैसे ही बच्चा हुआ तुरंत ही इसे कापर टी नर्स द्वारा लगाई जाने लगी। उन्होंने इसका कड़ा विरोध किया और ऑपरेशन कराने की बात कही।

केस नं.2
सांसद के गांव जेवरा की रहने वाली श्रीमती सरोज मरावी ने बताया कि मेरी बेटी शुक्रवार की सुबह हुई है और नर्स ने मुझे कापर टी लगा दी। मना करने के बावजूद नहीं हटाई गई।

केस नं.3
श्रीमती ओमवती बरकड़े मानादेई के पास खैरीखापा की रहने वाली हैं। इनके साथ भी यही हुआ। बच्चा होने के तुरंत बाद उनके मना करने के बावजूद कापर टी लगा दी गई।

महिलाओं से सहमति लेने के बाद ही कापर टी लगाई जाती है।
केसी मेसराम, सीएमएचओ, मंडला

यहां बता दें कि प्रोत्साहन राशि का एक हिस्सा सीएमएचओ को भी मिलता है।

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