सर्व शिक्षा अभियान में संविदा पर पदस्थ समस्त अधिकारियों/कर्मचारियों का वेतन सर्व शिक्षा अभियान की कार्यकारिणी की बैठक दिनांक 26/08/2011 के निर्णय अनुसार प्रत्येक वर्ष के माह अप्रैल में प्रचलित महंगाई दर के अनुसार संशोधित परिलब्धिया दी जाती है। उक्त संविदा अधिकारियों/कर्मचारियों भृत्य से लेकर उप प्रबंधक तक की महंगाई भत्ता समय समय पर वृधि किये जा रहे है। इस वर्ष भी राज्य शिक्षा केंद्र ने आदेश क्रमांक /राशि के/वित्त/2015/4475 भोपाल दिनांक 10/06/2015 के अनुसार एमआईएस समन्वयक नज़र अंदाज़ करते हुए अन्य संविदा समस्त अधिकारियों/कर्मचारियों के वेतन में 113% महंगाई भत्ता अनुसार वृधि कर दी है जिससे राज्य भर के एमआईएस समन्वयको में रोष व्याप्त है..।
किन्तु 2013 में व्यापम परीक्षा परीक्षा पासकर आये जनपद शिक्षा केंद्र में पदस्थ विकासखंड एमआईएस समन्वयकों संविदा को इस महंगाई भत्ता वृधि से लगातार 3 वर्षो से वंचित किया जा रहा है। जबकि विकासखंड में सारे महत्वपूर्ण तकनीकी कार्य जैसे समग्र छात्रवृति, व्हीईआर, स्मार्ट क्लास/ हेडस्टार्ट सेंटर में तकनीकी सहायता, ई अटेंडेंस, मोबाइल टेक्नोलॉजी,डेटा एनालिसिस और रिपोर्ट्स एवम अन्य महत्वपूर्ण कार्य एमआईएस समन्वयको द्वारा सम्पादित किये जाते है।
इससे पूर्व में कई बार प्रदेश भर एमआईएस समन्वयकों द्वारा श्रीमान आयुक्त महोदय को इस भेदभाव के लिए ज्ञापन द्वारा संज्ञान में लाया गया और श्रीमान आयुक्त महोदय द्वारा आश्वासन दिया गया परन्तु आज दिनांक तक कोई कार्यवाही नहीं की गई।
बीते वर्ष पिएबी मीटिंग 203 के अनुसार एमआईएस समन्वयक का वेतन सत्र 2014-15 के लिए 25200 स्वीकृत था परन्तु कोई लाभ नहीं दिया गया, जब भी आरएसके अधिकारियो से वेतन वृधि के बारे में पूछा जाता है तो पिछले 3 वर्षो से एक ही गोल मोल जबाव दिया जाता है की की अभी एमआईएस समन्वयक का ग्रेड पे तय नहीं हुआ है।
परन्तु हरयाणा राज्य में सर्व शिक्षा में विकासखंड एमआईएस समन्वयक पद का ग्रेड पे (पे बैंड 9300+34800) 3600 है | अगर म. प्र. में भी विकासखंड एमआईएस समन्वयक का वेतन ग्रेड पे 3600 है तो इस के अनुसार इस वर्ष एमआईएस समन्वयक का 12900(9300+360)+14577(113% DA) = 27477 होना चाहिए जबकि हमें हमारे हक़ का लाभ न देते हुये हमारे साथ निरंतर सौतेला व्यव्हार किया जा रहा है
अगर राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा उक्त आदेश को संशोधित करते हुये नवीन आदेश में विकासखंड एमआईएस समन्वयकों को महंगाई भत्ता मंजूर नहीं किया गया तो इस महंगाई के ज़माने में अपने परिवार के पालन पोषण के लिए हमें मजबूरन न्यायालय का दरवाज खटखटाना पड़ेगा
समस्त विकासखंड एमआईएस समन्वयक
मध्यप्रदेश