नई दिल्ली। आईपीएल के पूर्व प्रमुख ललित मोदी को यात्रा दस्तावेज दिलाने में मदद को लेकर विवाद में घिरीं विदेश मंत्री सुषमा स्वराज विरोधी दलों के निशाने पर हैं। इसी बीच इस मामले में एक और तथ्य सामने आया है। सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज ललित मोदी की लीगल टीम में शामिल थीं। बांसुरी स्वराज ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी से ग्रैजुएट हैं और भारत के सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली हाई कोर्ट की क्रिमिनल लॉयर हैं।
कहीं यह हितों के टकराव का मामला तो नहीं है, बीजेपी नेता सुधांशु त्रिवेदी ने इस पर कहा कि सुषमा की बेटी का अपना प्रोफेशन है और वह अपना काम करने के लिए स्वतंत्र हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं के वकील बच्चे भी करप्शन के केस में फंसे आरोपियों की पैरवी कर चुके हैं।
पिछले साल अगस्त 2007 में ललित मोदी ने एक ट्वीट कर अपनी लीगल टीम का आभार जताया था। लीगल टीम के जिन सदस्यों के नाम का जिक्र ललित मोदी ने अपने ट्वीट में किया था, उनमें सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी समेत 8 वकील शामिल थे।
ललिल मोदी ने इन आठ लोगों के नाम का जिक्र अपनी ट्वीट किया था,- महमूद अब्दी, बांसुरी स्वराज, रोजर ग्रेसन, डॉक्टर आर मराठा, बियांका हेमरिच, वेंकटेश दोंद, अभिषेक सिंह, अंकुर चावला।
इस लीगल टीम ने 2010 में हाई कोर्ट में ललित मोदी की पैरवी की थी और उनका पासपोर्ट रद्द किए जाने के फैसले को चुनौती दी थी। हाई कोर्ट की डिविजन बेंच ने ललित मोदी के पक्ष में फैसला सुनाया था। इस पर ललिल मोदी ने ट्वीट कर अपनी लीगल टीम को बधाई दी थी। हालांकि इसके बाद भी ललित मोदी लंदन में ही रहे, जबकि भारत सरकार लगातार कोशिश करती रही कि मोदी को भारत लाया जाए और प्रवर्तन निदेशालय उन पर लगे धन गबन के आरोपों की जांच करें।
ब्रिटिश मीडिया की रिपोर्ट्स के मुताबिक, ललित मोदी की मदद के लिए सुषमा स्वराज ने भारतीय मूल के ब्रिटिश एमपी कीथ वाज से कहा था। ब्रिटिश मीडिया के हाथ कुछ लीक ई-मेल लगे हैं। इनमें कीथ वाज ने सुषमा स्वराज के नाम का जिक्र किया है और कहा है कि इस दबाव के चलते ही ललित मोदी को महज 24 घंटों में ट्रैवल पेपर मुहैया कराए गए।