देवास/मध्य प्रदेश। हत्या के एक मामले में आरोपी देवास रियासत के युवराज विक्रम सिंह पवार अब राजा बन गए हैं। जब उन पर हत्या का आरोप लगा था तो उस वक्त 26 साल के विक्रम सिंह पवार प्रिंस थे, लेकिन अब वह 'किंग' हैं।
फिलहाल, वह 15 दिन की अग्रिम जमानत पर हैं। कोर्ट में विक्रम सिंह के वकीलों ने अजीब दलील दी, जिसके बाद 17 जून को देवास की एक स्पेशल कोर्ट ने विक्रम सिंह को न केवल बेल दी, बल्कि पिता और बीजेपी के पूर्व मंत्री महाराज तुकोजीराव पवार चतुर्थ का उत्तराधिकारी बनने की भी अनुमित दी। बता दें कि तुकोजीराव पवार का 19 जून को निधन हो गया था।
19 जून को हुआ था महाराज तुकोजीराव पवार का निधन
देवास रियासत के महाराज तुकोजीराव पवार चतुर्थ का शुक्रवार (19 जून) को इंदौर के सीएचएल अपोलो अस्पताल में निधन हो गया था। 52 साल के तुकोजीराव लंबे समय से बीमार थे और पिछले दिनों बाथरूम में फिसलकर गिर गए थे। इससे उनके सिर में चोट लगी थी, जिसके बाद अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था।
20 जून को बने राजा
देवास रियासत के महाराज तुकोजीराव पवार का 19 जून को इंदौर के हॉस्पिटल में निधन हो गया। किले के भीतर एक निजी राजशाही समारोह में 20 जून को विक्रम सिंह का राज्याभिषेक हुआ। तीन महीने से फरार चल रहे विक्रम सिंह की ओर से कोर्ट में उनके वकीलों ने अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी। उनका कहना था कि वह अपने पिता के इकलौते बेटे हैं और उनकी मृत्यु से पहले उन्हें राजगद्दी संभालनी होगी।
विक्रम सिंह पर क्या है आरोप
विक्रम सिंह पर तीन महीने पहले जमीन से जुड़े एक विवाद में एक व्यक्ति की हत्या का आरोप है। इस मामले में उनके 11 सहयोगियों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि वह फरार चल रहे थे। 16 जून को पुलिस ने 11 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट पेश करते हुए विक्रम सिंह को भगोड़ा घोषित किया था।