भोपाल। पिछले कुछ दिनों से बच्चों को चुराने वाले गिरोह के सक्रिय होने की अफवाह फैल रही है। इससे विशेषकर पुराने शहर के लोग अकारण भयभीत हो रहे हैं। दिलचस्प बात यह है कि जिन इलाकों से बच्चे गायब होने की हवा फैलाई जा रही है, वहां के थाने में इस तरह की रिपोर्ट दर्ज कराने कोई पहुंच ही नहीं रहा है।
प्रशासन ने जनता में भय फैलाने की घटना को गंभीरता से लिया है। साथ ही कहा है कि यदि बच्चा लापता हुआ है, तो उसके बारे में तत्काल सूचना नजदीक के पुलिस स्टेशन में दें। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि शहर में बच्चों को अगवा करने वाला कोई संगठित गिरोह सक्रिय नहीं है।
विगत छह माह में भोपाल से लापता हुए बच्चों में से अधिकांश मिल गए हैं। उनसे पूछताछ में खुलासा हुआ कि वह अपनी मर्जी से घर से भाग निकले थे। इनमें से कई पारिवारिक कारणों से और कई दोस्त के साथ बाहर घूमने के लिए निकल गए थे। बच्चों की गुमशुदगी अपहरण और फिरौती वसूली से नहीं जुड़ी है। घर लौटे बच्चों के साथ किसी तरह की कोई असामान्य घटना होना नहीं पाई गई है।
49 में से 41 बच्चे लौट आए
गौरतलब है कि 1 जनवरी, 2015 से 25 जून, 2015 की अवधि में भोपाल नगर विशेषकर पुराना भोपाल क्षेत्र में कुल 49 बच्चों की गुमशुदगी दर्ज हुई। इनमें से 41 बच्चे पुनः घर लौट आए हैं। शेष 8 बच्चों की तलाश जारी है।
जिला प्रशासन के अनुसार सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन के अनुसार गुमशुदगी के मामलों में पुलिस तत्काल प्रकरण दर्ज करती है। प्रकरण दर्ज होने के साथ ही बच्चों की तलाश की मुहिम शुरू कर दी जाती है।
अफवाह से सावधान रहें
जिला प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि बच्चों की गुमशुदगी के प्रकरण में किसी भी प्रकार की अफवाह से सावधान रहें। बहकावे में न आएं। बच्चों के गुमशुदा होने के संबंध में किसी भी तरह की जानकारी को तत्काल पुलिस और जिला प्रशासन को दें।
यहां दें सूचना
इस संबंध में किसी भी तरह की सूचना शहर के किसी भी पुलिस स्टेशन, पुलिस चौकी, कन्ट्रोल रूम को तत्काल देने का अनुरोध लोगों से किया गया है। भोपाल कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, एडीएम, डीएसपी आदि के मोबाइल पर भी सूचना दी जा सकती है।