नई दिल्ली। देश में कालेधन के प्रवाह पर लगाम लगाने के प्रयासों में जुटी सरकार इलेक्ट्रॉनक वित्तीय लेनदेन को बढ़ावा देने के लिये नेट बैंकिंग के जरिये होने वाले लेनदेन पर आयकर में छूट देने की तैयारी कर रही है। देश में इलेक्ट्रॉनिक वित्तीय लेनदेन को गति देने के लिए तैयार मसौदे में इसे प्रोत्साहित करने के लिए कई उपाय सुझाए गए हैं। इसमें व्यय के कुछ हिस्से को इलेक्ट्रॉनिक तरीके से भुगतान करने वाले उपभोक्ताओं को आयकर में छूट दिये जाने का प्रस्ताव है। इसमें यह भी कहा गया है कि यह छूट इलेक्ट्रॉनिक भुगतान स्वीकार करने वाले कारोबारियों को भी दिया जा सकता है।
उदाहरण के तौर पर यदि कोई कारोबारी ई ट्रांजेक्शन का कम से कम 50 फीसदी भुगतान इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से स्वीकार करेगा तो उसे आयकर में छूट का लाभ मिल सकता है। इसमें सभी ई ट्रांजेक्शनों के मूल्यवर्द्धित कर (वैट) में एक से दो प्रतिशत तक की कमी करने का भी प्रस्ताव किया गया है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने चालू वित्त वर्ष के बजट भाषण में कहा था कि इलेक्ट्रॉनिक वित्तीय लेनदेन को बढावा दिया जायेगा ताकि कालेधन के प्रवाह पर काबू पाया जा सके। उन्होंने कहा था कि सरकार नकदी लेनदेन को हतोत्साहित करना चाहती है और बैंकिंग तंत्र के जरिये लेनदेन को बढावा देना चाहती है और कालेधन के प्रवाह को काबू करने का भी यह एक तरीका हो सकता है।
जेटली ने कहा था कि प्रत्येक भारतीय के पास रूपे डेबिट कार्ड होना चाहिए और डेबिट या क्रेडिट कार्ड से लेनदेन को बढ़ावा देने और नकदी लेनदेन को हतोत्साहित करने के लिए शीघ्र उपाय किए जाएगें।