अपने घर को बनाएं सर्विस्ड अपार्टमेंट: पैसा कमाएं

नेहा पांडेय। आपके पास शहर में एक से ज्यादा रेजिडेंशल प्रॉपर्टी हैं और आप इनमें से एक में रहते हैं, जबकि अन्य को कमाई के साधन के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है। हालांकि, आप कितना कमाते हैं यह इस बात पर डिपेंड करता है कि आप प्रॉपर्टी को कैसे किराए पर उठाते हैं। आप इसे लीज पर दे सकते हैं, या पेइंग गेस्ट अकोमोडेशन के तौर पर इसे चला सकते हैं या इसे सर्विस्ड अपार्टमेंट के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं। इन दिनों सर्विस्ड अपार्टमेंट वाला कॉन्सेप्ट होम ओनर्स में तेजी से पॉप्युलर हो रहा है। इसमें मिलने वाला रिटर्न अच्छा है, लेकिन क्या यह पैसे का सही इस्तेमाल है?

शुरुआत करना
सबसे बड़ी दिक्कत रेजिडेंशल बिल्डिंग में कमर्शल ऐक्टिविटी के लिए परमिशन हासिल करना है। मुंबई के एक सिंगल कॉम्प्लेक्स में 6 सर्विस्ड अपार्टमेंट चलाने वाले साजन अब्राहम के मुताबिक, 'आपकी अपनी सोसायटी मेंबर्स के बीच में अच्छी साख होनी चाहिए। बहुत कम रेजिडेंशल सोसायटीज सर्विस्ड अपार्टमेंट्स की इजाजत देती हैं।' सोसायटी से एनओसी हासिल करने के अलावा, पुलिस की भी मंजूरी जरूरी है। म्यूनिसिपल अथॉरिटीज से भी मंजूरी लिया जाना जरूरी है। अपार्टमेंट्स के क्लस्टर के लिए ज्यादा अप्रूवल्स की जरूरत पड़ती है। इनमें फायर सेफ्टी जैसे अप्रूवल भी शामिल हैं। एक कॉमन किचन चलाने के लिए रेस्ट्रान्ट का लाइसेंस भी चाहिए।

सभी परमिट मिलने के बाद अपार्टमेंट को दुरुस्त करने का प्रोसेस शुरू होता है। अनुज कुमार (नाम बदल दिया गया है) ने मुंबई के पवई में 1,000 वर्गफुट इलाके में 2014 में सर्विस्ड अपार्टमेंट शुरू किए थे। उन्होंने इस पर 8 लाख रुपये का निवेश किया था। पहले वह घर को पेइंग गेस्ट अकोमोडेशन के तौर पर चलाना चाहते थे, लेकिन इंडीविजुअल किराएदारों से निपटने के झंझट के चलते उन्होंने यह इरादा छोड़ दिया।

JLL इंडिया के हेड, रेजिडेंशल सर्विसेज (चेन्नई) संजय चुघ के मुताबिक, 'सर्विस्ड अपार्टमेंट्स तीन-स्टार होटल की तर्ज पर तैयार किए जाते हैं और इनमें इसी तरह की सुविधाएं होनी चाहिए। इनमें गद्दों के साथ बिस्तर, वार्डरोब्स, फिटेड किचन, एयर कंडिशनर, रेफ्रिजरेटर, वॉशिंग मशीन और केबल कनेक्शन के साथ टेलिविजन सेट दिए जाते हैं। वाईफाई कनेक्शन भी जरूरी है।'

कुक, लॉन्ड्री सुविधाएं, पिक अप एंड ड्रॉप, राउंड-द-क्लॉक शॉफर, कार पार्किंग, स्विमिंग पूल, जिम और क्लब हाउस अतिरिक्त कॉस्ट पर मुहैया कराए जा सकते हैं। अगर कोई इंटरमीडियरी (सर्विस्ड अपार्टमेंट ऑपरेटर) शामिल है, तो एक्स्ट्रा सुविधाएं आसानी से मिल पाती हैं। किसी सोसायटी या एरिया में ऑपरेटर्स घरों के क्लस्टर को तरजीह देते हैं, इससे उन्हें कॉमन सुविधाएं सभी को मुहैया कराने में मदद मिलती है।

चुघ ऑपरेटर रूट को तरजीह देते हैं। थर्ड पार्टी ऑपरेटर या ऐग्रीगेटर, जो अपार्टमेंट देखता है, इसकी मेंटेनेंस करता है, प्रमोशन करता है और क्लाइंट्स लाता है, वह फीस के तौर पर कार्ड रेट का 15 से 20 फीसदी चार्ज लेता है। अगर ऑपरेटर फ्लाइट बुकिंग जैसी और ज्यादा प्रीमियम सर्विसेज देता है, तो वह 20 से 30 फीसदी तक चार्ज कर सकता है।

हालांकि, इन प्रॉपर्टीज की देखभाल आसान नहीं होती। इस वजह से मेंटेनेंस कॉस्ट अधिक हो जाती है। सालाना इनकम का 15 से 20 फीसदी हिस्सा आपको इसे ठीक-ठाक हालत में रखने पर खर्च करना पड़ सकता है।

लगातार इनकम
कुशमैन ऐंड वेकफील्ड की ऐग्जिक्युटिव डायरेक्टर (रेजिडेंशियल सर्विसेज) श्वेता जैन कहती हैं कि सर्विस्ड अपार्टमेंट रेग्युलर किराएदारों को घर किराए पर देने के मुकाबले 10 से 15 फीसदी ज्यादा रिटर्न देता है। जैन के मुताबिक, 'हालांकि, यह भी देखना चाहिए कि इसमें मेंटेनेंस और दूसरे खर्च ज्यादा होते हैं और टैक्स भी चुकाना होता है। 8 लाख रुपये खर्च करने के बाद कुमार हर महीने अपने पवई अपार्टमेंट से 1 लाख रुपये कमा रहे हैं। वह 3,000 रुपये प्रति गेस्ट प्रति दिन चार्ज करते हैं। इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का कहना है कि इसमें न नफा, न नुकसान की हालत में आने में तीन साल लग जाते हैं।

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