इंदौर। मप्र के राजस्व मंत्री ने आज भरी मीडिया के सामने यह खुलासा किया कि तहसीदारों के तबादले विभागीय प्रक्रिया के आधार पर नहीं बल्कि विधायकों, नेताओं और पत्रकारों की सिफारिशों पर होते हैं।
प्रदेश के राजस्व मंत्री रामपाल सिंह का कहना है कि तहसीलदारों के तबादले विधायकों और पत्रकारों के फोन से होते हैं या रूकते हैं। इंदौर दौरे पर आए राजस्व मंत्री से जब ये पूछा गया कि कई तहसीलदार पिछले पांच सालों से जमे हुए है। तो उन्होंने कुछ इस तरह से अटपटा जवाब दिया। मीडिया ने दोबारा राजस्व मंत्री से पूछा तो वो अपने बयान पर कायम रहे।