भोपाल। मप्र में आज व्यापमं के 2 आरोपियों की मौत के समाचार आ रहे हैं। एक आरोपी की मौत इंदौर जेल में हुई। उसे अचानक बीमार बताकर अस्पताल में भर्ती किया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। वहीं दूसरी ओर ग्वालियर में जमानत पर चले रहे एक अन्य आरोपी भी की संदिग्ध बीमारी के चलते मौत हो गई।
इस फर्जीवाड़े के 24 आरोपियों की अब तक असामयिक मौत हो चुकी है। इन 2 को मिलाकर संख्या 26 हो गई, जबकि सूत्रों का दावा है कि अब तक कुल 47 आरोपियों की मौत हो चुकी है। शेष मृत आरोपी पुलिस रिकार्ड में फरार के रूप में दर्ज हैं। आरोप यह भी है कि मरने वाले सभी आरोपी किसी ना किसी व्हीआईपी के लिए नुक्सान पहुंचाने वाले बयान दे रहे थे।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक वीरेन्द्र जैन ने बताया कि न्यायालय से जमानत पर रिहा हुए आरोपी डॉ राजेन्द्र आर्य :40: की आज सुबह ग्वालियर के बिड़ला अस्पताल में मौत हो गयी। उन्होंने आर्य के परिजन के हवाले से बताया कि मृतक की मौत बीमारी के कारण हुई है। आरोपी गत एक वर्ष से जमानत पर था। उस पर वर्ष 2007 और वर्ष 2008 में पीएमटी प्रवेश परीक्षा में दो विद्यार्थियों को फर्जीवाड़े के जरिये मेडिकल कॉलेज में प्रवेश दिलाने का आरोप था।
जैन ने बताया कि आर्य सागर जिले का रहने वाला था और एमबीबीएस डॉक्टर था। वह ग्वालियर और चम्बल इलाके में काम करता था। उसके परिजन ने बताया कि वह कोटा गया था, वहां से वापस आने पर उसकी तबीयत खराब हो गयी।
व्यापमं फर्जीवाड़े के एक अन्य आरोपी नरेन्द्र सिंह तोमर :29: की संदिग्ध स्थिति में इन्दौर की जेल में कल रात मौत हो गयी। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि तोमर को सीने में दर्द की शिकायत के बाद इन्दौर के महाराजा यशवंतराव अस्पताल :एमवायएच: लाया गया जहां डाक्टरों ने उसे मृत लाया गया घोषित कर दिया। इंदौर के नगर पुलिस अधीक्षक अजय जैन ने कहा कि तोमर की मौत की मजिस्ट्रीयल जांच की जा रही है।
जैन ने कहा कि तोमर को व्यापमं घोटाले के तहत गिरफ्तार किया गया तब वह सहायक पशु चिकित्सा अधिकारी के रूप में प्रदेश के रायसेन जिले में पदस्थ था। वह मूलत: मुरैना जिले का रहने वाला था। वह वर्ष 2009 में आयोजित प्री.मेडिकल टेस्ट :पीएमटी: में फर्जीवाड़े का आरोपी था। वह असल में विद्यार्थियों के स्थान पर फर्जी परीक्षार्थियों से परीक्षा दिलवाकर फर्जीवाड़े को अंजाम देने वाले गिरोह का सदस्य था। जारी