विस भर्ती घोटाला: दिग्विजय सिंह को भी तो पकड़ो

भोपाल। विधानसभा सचिवालय में नियम विरुद्ध नियुक्तियों के मामले के पांच आरोपियों की तरफ से बुधवार को जिला अदालत में अग्रिम जमानत की अर्जियां प्रस्तुत की गईं। हालांकि पुलिस की आपत्ति के चलते अदालत ने अर्जी खारिज कर दी। आरोपियों के वकीलों ने पुलिस पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा कि वह छोटे कर्मचारियों को पकड़ रही है। मुख्य आरोपी पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को क्यों नहीं पकड़ रही है।

बुधवार को शरद द्विवेदी, सुधीर तिवारी, अनिल मिश्रा, प्रदीप मिश्रा आैर यज्ञनारायण शर्मा के वकीलों ने अग्रिम जमानत के लिए अदालत में अर्जी लगाई थी। सरकारी वकील ने अग्रिम जमानत देने पर आपत्ति प्रस्तुत की। उनका तर्क था कि तीन बार नोटिस देने के बाद भी आरोपी अपना पक्ष रखने उपस्थित नहीं हुए। आरोपी जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए उन्हें अग्रिम जमानत का लाभ देना उचित नहीं होगा।

इसके पहले मंगलवार को अदालत ब्रह्मचारी प्रसाद तिवारी, देवेंद्र तिवारी, रमेश तिवारी, शुक्रमणि प्रसाद मिश्रा आैर राजेश कुमार द्विवेदी की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर चुकी है। जेल में बंद सत्यनाराण शर्मा की ओर से भी एक जमानत अर्जी प्रस्तुत की गई थी।

जब सत्यनारायण से पूछा गया कि जमानत याचिका उनकी तरफ से प्रस्तुत की गई तो उन्होंने इनकार कर दिया। विधानसभा के तत्कालीन अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी की अग्रिम जमानत आैर सत्यनारायण शर्मा की जमानत की याचिका सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। जबकि कमलाकांत शर्मा आैर अमित अवस्थी की अग्रिम जमानत अर्जी हाईकोर्ट में विचाराधीन है।

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