भोपाल। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव ने व्यापमं घोटाले में गिरफ्तार दो और आरोपियों की इंदौर और ग्वालियर में एक ही दिन एक ही वक्त में हुई संदिग्ध मौतों को लेकर कहा है कि अब यह साबित हो चुका है कि जैसे-जैसे इस महाघोटाले की जांच की आंच बड़े सफेदपोशों के नजदीक आती जा थी है वैसे-वैसे इस यह साफ़ हो रहा है की मौतों के इस घिनौने खेल में शिवराज सरकार पूरी तरह से शामिल है।
जब सरकार ही मौतों की इस श्रृंखला में शामिल है तो उससे किसी भी प्रकार की निष्पक्ष जांच की अपेक्षा करना बेमानी होगी, लिहाजा न्यायपालिका जनविश्वास की कसौटी पर खरी उतरे और इस गम्भीर मसले पर संज्ञान लें।
आज यहां जारी अपने बयान में श्री यादव ने कहा की इस मामले से जुड़े लोगों की लगातार 42 मौतों के बाद भी सरकार के कानों में जूं नहीं रेंग रही है और व्यापमं महाघोटाला एक के बाद एक आरोपियों और राजदारों की अंतहीन मौतों का कब्रगाह बनता जा रहा है। तकरीबन 90 अरब रूपये के इस महाघोटाले को लेकर प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान सीबीआई जांच को लेकर क्यों कतरा रहे है ?
श्री यादव ने शिवराज सिंह चौहान पर सीधा हमला करते हुए कहा की इस महाघोटाले से जुड़े दोनों प्रमुख राजदारों की मौत एक ही दिन और एक ही समय उस दौरान हुई है जब प्रदेश के मुखिया परिवार सहित छुट्टियां मनाने गए है और मृतक नरेंद्र तोमर के परिजनों ने भी यह स्पष्ट तौर पर कहा है की एक दो दिनों में नरेंद्र इस महाघोटाले में शामिल कुछ बड़े राजनेताओं का नाम उजागर करने वाला था।
श्री यादव ने यह भी कहा है की नरेंद्र के परिजनों ने व्यापम की जाँच कर रही एसआईटी टीम के एक जांच अधिकारी ने उसने सात लाख रूपयों की मांग भी की थी। ऐसे में एसआईटी इस गम्भीर आरोप पर संज्ञान लें।