जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने अपने एक अहम आदेश में साफ किया कि जब पति की ओर से तलाक की अर्जी दायर की जाए तो पत्नी की सुविधा का विशेषतौर पर ध्यान रखा जाना चाहिए। इसी के साथ सतना में चल रहे मामले को बुरहानपुर ट्रांसफर किए जाने की व्यवस्था दे दी गई।
न्यायमूर्ति आलोक आराधे की एकलपीठ में मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता जलगांव महाराष्ट्र निवासी हार्मोनी कामदार की ओर से अधिवक्ता शीतला प्रसाद त्रिपाठी व सुशील त्रिपाठी ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि याचिकाकर्ता के पति सतना निवासी कुशल कामदार ने फैमिली कोर्ट सतना में तलाक का केस दायर किया है। जलगांव से सतना की दूरी 770 किलोमीटर है। याचिकाकर्ता अपने वृद्ध व बीमार माता-पिता के साथ रहती है। उसे जलगांव से सतना तक की यात्रा 28 घंटे में पूरी करनी पड़ती है। लिहाजा, तलाक का केस बजाए सतना के बुरहानपुर कोर्ट ट्रांसफर किया जाए। ऐसा इसलिए क्योंकि जलगांव से बुरहानपुर की दूरी महज 80 किलोमीटर है।