योग के बीच भोग की सीडी से बेचैनी

धर्मेंद्र पैगवार@राजकाज। प्रदेश भाजपा और सरकार में एक सीडी ने बेचैनी ला दी है। पहले संजय जोशी और बाद में राघवजी की सीडी से परेशान रही भाजपा ने इस सीडी को रोकने के लिए हर स्तर पर एड़ी-चोटी का जोर लगाया। सरकार के स्तर पर भी मैनेजमेंट किया गया। जिन नेताजी की यह सीडी बताई जा रही है, वे स्वयं को काफी ईमानदार और सद्चरित्र बताते रहे हैं। योग की चर्चा के बीच भोग की इस सीडी के सार्वजनिक होने से रोकने की पूरी कोशिश कर ली गई है। मैनेजमेंट करने के साथ ही पार्टी में उन्हें खूब डांट पिलाई गई है। नेताजी सार्वजनिक कार्यक्रमों से कन्नी काट रहे हैं। चेहरे पर हवाईयां हैं और परेशान हैं। फिलहाल मामला साम और दाम के जरिए ठंडा करने की कोशिश की गई है। लेकिन इसकी गूंज कभी फिर सुनाई दे सकती है। 

शिवराज की छींद साधना
भोपाल के पड़ोसी जिले के छींद में स्थित हनुमानजी का मंदिर संकट निवारण और विशेष फल देने के लिए प्रसिद्ध है। लगातार पांच मंगलवार दर्शन करने की यह साधना इंदौर से लेकर भोपाल, जबलपुर तक के लोग करते हैं। मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी ने भी इसकी शुरूआत की है। दो बार सीएम भी वहां हो आए हैं। भगवान के दर्शन और पूजा यह किसी का भी व्यक्तिगत मामला है, लेकिन हर मंगलवार जाने को विशेष मनोकामना से जोड़करर देखा जा रहा है।

युवराज को नहीं मिल पाया न्याय
कभी पूरी भाजपा में युवराज के नाम से मशहूर रहे तुकोजीराव पवार देवास सीनियर रियासत के महाराज हो गए थे। वे राजनीति में उन लोगों की तरह रहे जिन्होंने अपना सब कुछ दिया लेकिन उसके मुताबिक उन्हें सम्मान नहीं मिला। जनसंघ और जनता पार्टी के समय में उनके पिता दिवंगत कृष्णाजीराव पवार ने इन दोनों संगठनों की आर्थिक मदद की थी। पवार जब 80 के दशक में युवा मोर्चा से जुड़े तो यह काम उन्होंने संभाला। लंबे समय तक वे न केवल मोर्चा के खर्चे बल्कि उसके पदाधिकारियों की जरूरतें भी पूरी करते थे। आखिरी दिनों में इसी पार्टी में उनके नाम पर अनुशासन समिति तक में विचार किया गया। इस सबसे वे बेहद दुखी थे। उनके बेटे पर जब प्रकरण दर्ज हुआ तब भी सरकार में बैठे लोगों ने उनकी मदद नहीं की थी। अब युवराज दुनिया में नहीं है, लेकिन उनकी मदद के किस्से वे ही सुना रहे हैं, जिन्होंने जरूरत के वक्त उनसे मुंह मोड़ लिया था।

आरोप के बाद अब मुकदमों की बारी
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव ने एक सप्ताह पहले डीमेट और पीएमटी के जरिए मेडिकल कॉलेजों में जिला अदालतों से लेकर हाईकोर्ट तक में रहे न्यायाधीशों तक पर आरोप लगाए हैं। ठीक उसी दिन से उन्हें नोटिस दिए जाने की तैयारी हो गई है। एक पूर्व न्यायाधीश ने पिछले शनिवार को ही 10 करोड़ रुपए की मानहानि का ऐलान कर दिया था। अब एक अन्य न्यायाधीश ने भी मानहानि का नोटिस देने की तैयारी की है। यादव के आरोपों का उन्हें राजनीतिक फायदा हो न हो, कचहरी के चक्करों की एक आफत जरूर आ गई है।

कब बैठेंगे एक साथ 230
प्रदेश की 14 वीं विधानसभा के डेढ़ वर्ष के कार्यकाल में तीसरे विधायक का निधन हो गया। एक साथ 230 विधायक कभी साथ नहीं बैठ पाए हैं। एक बार फिर विस भवन के वास्तुदोष की चर्चा शुरू हो गई है। पिछली विस में तो अध्यक्ष और उपाध्यक्ष ही स्वर्गवासी हो गए थे। अब चर्चा है कि विधायक ही अपने स्तर पर वास्तु संबंधी प्रयोग के लिए अध्यक्ष से चर्चा करेंगे। 

लेखक श्री धर्मेंद्र पैगवार हिन्दी दैनिक हरिभूमि को बतौर चीफ रिपोर्टर सेवाएं दे रहे हैं। 

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