बालाघाट/भोपाल। सरकारी रिकार्ड में भले ही दर्ज ना किया जाए लेकिन बालाघाट के पत्रकार संदीप कोठारी को सामाजिक रूप से शहीद का दर्जा दिया जाना चाहिए। वो माइनिंग माफिया और चिटफंड कारोबारियों जैसे गद्दारों से संघर्ष कर रहा था। इस संघर्ष में उसने पूरा जीवन कष्टमय गुजारा और मौत भी आई तो इतनी दर्दनाक। माफिया ने उसे किनडेप किया, चलती गाड़ी में हत्या की और सबूत मिटाने के लिए डीजल डालकर लाश को जला दिया। पहचान छिपाने के लिए शव महाराष्ट्र के वर्धा ले गए और जला दिया।
पुलिस ने बताया कि संदीप को शुक्रवार शाम को मैगनीज के कारोबार से जुड़े राकेश नर्सवानी और उनके साथियों ने बालाघाट से घर लौटते वक्त कटंगी रेलवे स्टेशन के पास टक्कर मारी। उसके गिरते ही उसे जबर्दस्ती गाड़ी में डाल दिया। साथ चल रहे उसके दोस्त ललित को मारकर भगा दिया। इसके बाद वे नागपुर की ओर निकल गए। अपहर्ताओं ने गाड़ी में ही उसका गला घोंट दिया। शव की पहचान न हो इसलिए उसे जला दिया। इधर, ललित ने संदीप के अपहरण की शिकायत दर्ज करा दी। पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है, एक फरार है। आरोपियों ने गुनाह भी कबूल कर लिया है। पुलिस ने आरोपियों के साथ जाकर अधजला शव भी बरामद किया है।