उपदेश अवस्थी @लावारिस शहर। बालाघाट में हुए पत्रकार संदीप कोठारी हत्याकांड पर लोकल पुलिस और प्रशासन का रुख बड़ा अटपटा सा दिखाई दे रहा है। मृत्यु के बाद पुलिस ने मृत पत्रकार का क्राइम रिकार्ड सार्वजनिक कर यह जताया कि मरने वाला तो अपराधी था, सहानुभूति उचित नहीं तो कलेक्टर ने फरार आरोपी की गिरफ्तारी की मांग वाला ज्ञापन लेने से यह कहते हुए इंकार कर दिया कि मरने वाला तो क्रिमिनल था। मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि इस घटना को हत्या ही क्यों स्वीकार कर रहा है प्रशासन, एनकाउंटर अनाउंस क्यों नहीं कर देता।
इस घटनाक्रम ने बालाघाट की एक नई तस्वीर पेश कर दी है। मप्र में अब तक ज्यादातर लोग बालाघाट को एक नक्सली इलाका माना करते थे, परंतु अब पता चल रहा है कि वह तो माइनिंग माफिया का इलाका है। यहां का माफिया इतना पॉवरफुल है कि क्या पुलिस और क्या प्रशासन सबकुछ उसके इशारों पर चल रहा है। हत्या के बाद पत्रकार की लाश को जलाया गया। 2 लोग गिरफ्तार हुए, उन्होंने गुनाह भी कबूल कर लिया। शुरू शुरू में लगा कि मामले का पटाक्षेप हो गया, परंतु अब प्रशासनिक रुख के बाद संदेह होता है कि कहीं यह सबकुछ पूर्व नियोजित तो नहीं था जिसमें कुछ आला अफसर भी शामिल थे। क्या पहले से तय कर लिया गया था कि पत्रकार संदीप कोठारी की हत्या करेंगे, इन 2 लोगों को गिरफ्तार कर लेना, ये गुनाह कबूल लेंगे और फाइल बंद।
मामला संवेदनशील हो गया, नेशनल मीडिया ने लिफ्ट करा लिया तो पत्रकार संदीप कोठारी के प्रति उमड़ रही सहानुभूति को मिटाने के लिए उसका क्राइम रिकार्ड पेश किया गया और इसी झुंझलाहट में कलेक्टर ने उसे क्रिमिनल करार देते हुए ज्ञापन लेने से इंकार कर दिया।
कहा जा रहा है कि संदीप कोठारी के खिलाफ दर्ज हुए तमाम मामले माफिया के इशारे पर दर्ज किए गए थे। जब वो प्रेशर में नहीं आया तो उसे जिला बदर किया गया। सुना है शहर के 26 गणमान्य नागरिकों ने संदीप कोठारी के खिलाफ बयान दर्ज कराए थे, परंतु जब संदीप कोठारी ने इन 26 गणमान्य नागरिकों को कानूनी नोटिस थमाए तो सन्नाटा छा गया और तब प्लान किया गया संदीप कोठारी का हत्याकांड।
हो सकता है यह सूचना गलत हो, अफवाह हो, लेकिन जिस तरह से मृत व्यक्ति को बदनाम कर उसके प्रति उठ रही सहानुभूति को कुचलने का प्रयास किया जा रहा है। ज्ञापन तक लेने से इंकार किया जा रहा है उससे तो यही प्रतीत होता है कि सब कुछ सामान्य नहीं है। कहीं कुछ है जो छूट गया है। कुछ है जिसके लिए जांच होनी चाहिए। एक ऐसी जांच जिसमें सच बाहर आ सके, फिर चाहे वो जो भी हो।