भोपाल। आर्थिक रूप से कंगाल होते जा रहे मप्र में अब और सड़कें नहीं बन पाएंगी। पीडब्ल्यूडी मंत्री सरताज सिंह ने विधायकों के सामने स्पष्ट रूप से हाथ खड़े कर दिए हैं। उनका कहना है कि विधायक 10 हजार करोड़ की सड़कें मांग रहे हैं जबकि सरकार के पास तो 2000 करोड़ ही हैं वो भी कर्जा लेने के बाद। याद दिला दें कि आम चुनाव से पूर्व नेशनल हाईवे की दुर्दशा पर शिवराज सिंह ने बार बार बयान दिया था कि केन्द्र ये सड़कें हमें सौंप दे, हम चकाचक कर देंगे।
बारिश से पहले 180 विधायकों ने पीडब्ल्यूडी को तकरीबन 5 से 6 हजार किमी नई सड़क बनाने के दिए हैं। हर विधायक ने औसतन 30 किमी लंबी लगभग 10 नई सड़कें बनाने की मांग की है। नगरीय विकास एवं पर्यावरण मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने तो महू विधानसभा की करीब 70 किमी लंबी 25 सड़क, परिवहन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने 200 किमी लंबी 8 सड़क, सामान्य प्रशासन राज्यमंत्री लाल सिंह ने 100 किमी लंबाई की 7 और सांसद गणेश सिंह ने भी 120 किमी लंबी सतना की 25 सड़कों के निर्माण का प्रस्ताव दे दिया है।
दरअसल, कुछ दिन पहले सड़कों के लिए सरकार ने नाबार्ड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट असिस्टेंस
(नीडा) से 10 प्रतिशत ब्याज पर 2000 करोड़ रुपए कर्ज लिया, लेकिन यह राशि चुनिंदा सड़कों पर खर्च की जा रही है। इसलिए विधायकों ने अपनी मांगें रखी हैं। अब पीडब्ल्यूडी मंत्री विधायकों की मांगें मंजूर नहीं कर रहे हैं। कहा जा रहा है कि चालू वित्तीय वर्ष में पीडब्ल्यूडी इतना फंड नहीं जुटा पाएगा कि विधायकों की मांगों के अनुसार सड़कें बनाई जा सकें।
1500 करोड़ के अनुपूरक में कम पैसा ही मिलेगा
मानसून सत्र में राज्य सरकार तकरीबन 1500 करोड़ रुपए का अनुपूरक बजट ला रही है। ऐसे में सारी सड़कों के निर्माण की संभावना कम है। मापदंडों के अनुसार डामर की रोड बनाने में 70-80 लाख रुपए और कांक्रीट मार्ग बनाने में 1.25 करोड़ रुपए का खर्च आता है। विधायकों ने जिन सड़कों के प्रस्ताव दिए हैं, उनसे सीधे तौर पर दो करोड़ से अधिक आबादी जुड़ी हुई है।
सांसद बोले-पहले वाले मंत्री ने ठीक काम किया
उधर सतना में गुरुवार को सड़कों की समीक्षा बैठक में सांसद गणेश सिंह ने कहा कि न नई सड़क बनी है और न ही पेंचवर्क हुआ है। पहले वाले पीडब्ल्यूडी मंत्री (नागेंद्र सिंह, वर्तमान में सांसद हैं) ज्यादा व बेहतर काम करते थे।
अभी अधीक्षण यंत्री (एसई) को प्रस्ताव भेजने पर भी काम नहीं होता। इस पर वर्तमान पीडब्ल्यू मंत्री सरताज सिंह ने एसई से पूछा तो वे वाजिब जवाब नहीं दे पाए। बैठक में पूर्व विधायक सुरेंद्र सिंह ने भी अफसरों पर काम नहीं करने के आरोप लगाए। सरताज सिंह ने कहा कि सांसद का अपना स्वभाव है। वे अपने ही कलीग (साथी) के बारे में बोल सकते हैं, मैं यह नहीं कर सकता।
मेरी सड़क तो केंद्र के पैसे से ही बन पाएगी
मैंने 5 सड़कों के प्रस्ताव दिए हैं। इसमें चार सड़कें 40 किमी लंबी हैं और बची हुई एक सड़क की लंबाई भी 40 किमी है। इस एक सड़क पर 200 करोड़ रुपए खर्च होंगे, इसलिए इसे केंद्र सरकार से मंजूर कराना पड़ेगा।’
विजयशाह, खाद्य मंत्री
जितना बजट होगा, उतना काम करेंगे
यह सही है कि 180 विधायकों ने प्रस्ताव दिए हैं। इसमें पुल, रेल ओवर ब्रिज व रोड शामिल हैं। जैसे-जैसे बजट होगा, काम किया जाएगा। पहले अनुपूरक में कुछ सड़कों को ले रहे हैं। कर्ज लेने का भी विचार है।’
सरताज सिंह, पीडब्ल्यूडी मंत्री