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सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (सीबीडीटी) की चेयरमैन अनीता कपूर ने बताया कि इस योजना पर प्रायॉरिटी के आधार पर काम किया जा रहा है और इसका मकसद इस विशेष सर्विस से जुड़ी टैक्सपेयर्स की शिकायतें दूर करना है। उन्होंने बताया कि गलत रिफंड या रिफंड न मिलने जैसी समस्याएं जारी रहने की वजह से सीबीडीटी ने बैंकों और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) से बात की है।
आरबीआई ने सीबीडीटी को बताया है कि इलेक्ट्रॉनिक ऑपरेशंस में जब कोई रिफंड सीधे टैक्सपेयर के बैंक अकाउंट में भेजा जाता है तो बैंक अकाउंट नंबर के साथ नाम को नहीं देखते। वे केवल अकाउंट नंबर के आधार पर रकम क्रेडिट कर देते हैं।
कपूर ने कहा, 'हमने बहुत से ऐसे मामले देखे हैं जिनमें लोगों ने गलत अकाउंट नंबर दिए और उन अकाउंट नंबर पर रिफंड भेजे जाने पर रिफंड सही व्यक्ति को नहीं मिला।' उन्होंने बताया कि अब सीबीडीटी ने अपने सिस्टम में कुछ बदलाव करने का फैसला किया है।
कपूर के मुताबिक, 'हम एक ऐसे सिस्टम पर काम कर रहे हैं जिसमें जब कोई टैक्सपेयर अपना अकाउंट नंबर देगा तो हम हम उसके सही होने की बैंक के साथ जांच करेंगे और अकाउंट नंबर और नाम के मेल खाने पर हम रिफंड चेक के जरिए स्पीड पोस्ट से भेजने के बजाय सीधे अकाउंट में डिपॉजिट कर देंगे।'
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का मकसद टैक्सपेयर के लिए कम्प्लायंस की कॉस्ट कम से कम करना है। इसके साथ ही डिपार्टमेंट शिकायतों का निपटारा जल्द करना चाहता है। इसके लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। कपूर का कहना था, 'हमने शिकायतों के निपटारे को प्रायॉरिटी दी है। टैक्सपेयर्स की सभी शिकायतों को समयसीमा के अंदर निपटाया जाना चाहिए। हम शिकायत दाखिल होने के 60 दिनों के अंदर उसका समाधान करने की कोशिश करते हैं। अगर कोई जटिल मुद्दा होता है तो उसमें कुछ समय लगता है। लेकिन सामान्य नियम 60 दिनों का है।'
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ समय पहले इस संबंध में एक रिव्यू मीटिंग की थी। इसके बाद सभी फील्ड ऑफिस से यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि टैक्सपेयर्स की समस्याओं का प्रायॉरिटी के आधार पर समाधान किया जाए। कपूर ने बताया, 'प्रधानमंत्री के रिव्यू के बाद मैंने सभी अधिकारियों को पत्र लिखकर कहा है कि उन्हें सभी टैक्सपेयर्स की रिफंड से जुड़ी और अन्य समस्याओं को जल्द निपटाना चाहिए। डिपार्टमेंट को टैक्सपेयर्स की चिंताओं को लेकर संवेदनशील होना चाहिए और सभी शिकायतों के निपटारे की कोशिश करनी चाहिए।'