भोपाल। मेडिकल पेपर्स लीक करने वाला गिरोह तो एक ही था लेकिन वो पूरे देश में एक्टिव था। यहां पूछताछ के दौरान खुलासा हुआ है कि इस गिरोह का मुख्य कर्ताधर्ता बेदीराम है जिसने मप्र सहित छत्तीसगढ़, दिल्ली, यूपी, राजस्थान एवं महाराष्ट्र में मेडिकल पेपर्स लीक किए हैं। यही इस गिरोह का कारोबार था। इससे पहले यह गिरोह रेलवे के पेपर्स लीक करता था, लेकिन ममता बनर्जी ने एक फुलप्रूफ सिस्टम बना दिया, इसलिए रेलवे का काम बंद करना पड़ा।
मप्र लोक सेवा आयोग (एमपी पीएससी) की परीक्षाओं के पेपर लीक कराने वाले बेदीराम की पहुंच रेलवे भर्ती बोर्ड के चेयरमैन स्तर के अफसरों तक थी। उनके जरिए उसने रेलवे की कई परीक्षाओं के पेपर लीक करवाए हैं। वर्ष 2006 से 2010 तक बेदीराम ने उम्मीदवारों को लीक हुए पेपर बेचकर करोड़ों रुपए कमाए। इसी बीच तत्कालीन रेल मंत्री ममता बनर्जी ने रेलवे की परीक्षा का पैटर्न बदलवा दिया। इसके बाद बेदीराम समेत उसके अन्य साथियों ने भी रेलवे के बजाय मेडिकल की परीक्षाओं के पेपर लीक करवाना शुरू कर दिए।
एसटीएफ की गिरफ्त में आए मास्टर माइंड अखिलेश पांडे ने ये खुलासा पूछताछ में किया है।एसटीएफ सूत्रों के मुताबिक वह अब भी बेदीराम को ही इसका मुख्य सूत्रधार बता रहा है। अखिलेश ने एसटीएफ को बताया है कि पैटर्न बदले जाने से पहले रेलवे भर्ती बोर्ड के चेयरमैन परीक्षा का पेपर तय करते थे। कुछ उच्च स्तर के अफसरों से साठगांठ कर बेदीराम वह पेपर लीक करवा लेता था। पैटर्न बदलने के बाद पेपर में कौन से प्रश्न आएंगे, इसका अंदाजा लगाना किसी एक बड़े अफसर के लिए मुश्किल हो गया। इसलिए आरोपियों ने रेलवे की परीक्षाओं के पेपर लीक करवाने का काम छोड़ दिया।
लाखाें रुपए में बेचे उम्मीदवारों को पेपर
अखिलेश ने पूछताछ में एसटीएफ को बताया है कि बेदीराम और कुछ अन्य लोगों ने मिलकर मेडिकल की कई परीक्षाओं के पेपर लीक करवाएं हैं। छत्तीसगढ़, दिल्ली, यूपी, राजस्थान, मुंबई और मप्र में हुई इन परीक्षाओं के लीक पेपर सैकड़ों उम्मीदवारों से लाखों रुपए लेकर बेचे गए। एसटीएफ को गुमराह करते हुए उसने कहा कि मैंने जिन परीक्षाओं के पेपर लीक करवाए, वो बाद में कैंसिल हो गई। इसलिए मुझे ज्यादा रकम नहीं मिल पाई।
आरोपियों की जुटा रहे हैं जानकारी
एसटीएफ टीम दिल्ली क्राइम ब्रांच और सीबीआई से भी इन आरोपियों की जानकारी जुटा रही है। दरअसल, अलग-अलग परीक्षाओं के पेपर लीक मामले में एक-एक जांच सीबीआई व दिल्ली क्राइम ब्रांच कर रही है। जांच में आए तथ्यों को शेयर कर एसटीएफ अपने साक्ष्यों मजबूत करना चाह रही है।
झारखंड के नक्सली इलाके में काटी फरारी
एक साल की फरारी के दौरान अखिलेश सबसे ज्यादा नक्सल प्रभावित क्षेत्र में रहा। झारखंड का कोडरमा एक नक्सल प्रभावित क्षेत्र है, जहां उसने 8-9 महीने गुजारे। हर 10-15 दिन में वह अपना सिमकार्ड बदल लेता था, इसलिए उसकी लोकेशन निकालना भी एसटीएफ के लिए मुश्किल हो रहा था। अपने परिवार को उसने ससुराल में छोड़ दिया था। महीने में एक-दो दिन के लिए वह ससुराल जाकर परिवार से मिलता था।
30 तक अखिलेश से पूछताछ
मंगलवार शाम बिहार के गया से पकड़े गए मास्टर माइंड अखिलेश पांडे को शुक्रवार दोपहर भोपाल जिला अदालत में पेश किया गया। एसटीएफ ने पूछताछ और रिकवरी का हवाला देते हुए अदालत से उसे रिमांड पर दिए जाने की अपील की। इसे स्वीकार करते हुए अदालत ने अखिलेश को 30 जून तक रिमांड पर भेजने के आदेश कर दिए हैं।
पूर्व मंत्री अब वनरक्षक मामले में रिमांड पर
एसटीएफ ने पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा और पूर्व कांग्रेस नेता संजीव सक्सेना को वनरक्षक भर्ती परीक्षा-2013 में हुई गड़बड़ी के आरोप में रिमांड पर लिया है। वहीं, आईजी के भाई भरत मिश्रा को परिवहन आरक्षक भर्ती परीक्षा-2012 मामले में रिमांड पर लिया गया है। एसटीएफ ने तीनों आरोपियों को शुक्रवार दोपहर अदालत में पेश किया। आरोप है कि तीनों ने अपनी पहचान के जरिए कुछ उम्मीदवारों को इन परीक्षाओं में पास करवाया है। एसटीएफ ने शर्मा और सक्सेना को 25 जून तक, जबकि मिश्रा को 23 जून तक रिमांड पर लिया है।