पढ़िए मोदी की ओर छूटे आडवाणी के तीर

नई दिल्ली। बीजेपी के सीनियर लीडर लालकृष्ण आडवाणी ने कहा है कि अहंकार हमेशा तानाशाही जैसी प्रवृत्ति को जन्म देता है और हमारी वर्तमान पॉलिटिकल लीडरशिप को वाजपेयी (पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी) की तरह नम्र होना चाहिए। आडवाणी ने कहा, “वाजपेयी जी बहुत बड़े नेता थे, लेकिन मैंने कभी नहीं सुना कि 'वाजपेयी इज इंडिया और इंडिया इज वाजपेयी' (भारत ही वाजपेयी है और वाजपेयी ही भारत हैं)।” जब उनसे यह पूछा गया कि क्या राजनीतिक दलों में डिक्टेटरशिप नजर आती है, तो इस पर आडवाणी ने कहा, “मैं हमेशा राजनीतिक दलों में 'वन मैन शो' के खिलाफ रहा हूं।” एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में बीजेपी के मार्गदर्शक मंडल में शामिल आडवाणी ने ये बातें कहीं।

इमरजेंसी वाले बयान पर दी सफाई
आपातकाल को लेकर पिछले दिनों दिए गए अपने विवादित बयान पर सफाई देते हुए आडवाणी ने कहा, “मैंने किसी व्यक्ति विशेष को लेकर टिप्पणी नहीं की, लेकिन मैं हमेशा से तानाशाही के हर रूप का विरोधी रहा हूं। मेरी बात को सही तरीके से पेश नहीं किया गया। लेकिन इससे भी ज्यादा दुख की बात यह है कि जिन लोगों ने देश पर आपातकाल थोपा था, उन्हें इस बात का कोई दुख नहीं है।”

सत्ता कोई नहीं खोना चाहता
एक अन्य टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में आडवाणी ने कहा, “जो कोई भी सत्ता में आता है, वह कभी इसे खोना नहीं चाहता, ठीक वैसे ही जैसे अगर किसी के पास पैसा है, तो वह इसे खोना नहीं चाहेगा लेकिन अगर कोई सत्ता का दुरुपयोग करता है, तो जनता के पास वोट की ताकत है और वह ऐसे लोगों को सबक सिखा सकती है। वो जो सत्ता में हैं और वो जिनके सत्ता में आने की संभावना हैं, दोनों को संवेदनशील रहने की जरूरत है।”

इंदिरा गांधी को पहली बार कहा था 'इंडिया इज इंदिरा'
असम से ताल्लुक रखने वाले कांग्रेस के नेता देवकांत बरुआ ने 1970 के दशक में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के समर्थन में कहा था-'इंडिया इज इंदिरा एंड इंदिरा इज इंडिया।' देवकांत के इस बयान को लेकर कांग्रेस विरोधी पार्टियों ने उनकी आलोचना की थी।

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