नई दिल्ली। सहाराप्रमुख सुब्रत रॉय ने अपनी लच्छेदार बातों और योजनाओं में भले ही पूरे भारत को फंसाया हो परंतु सुप्रीम कोर्ट उसकी बातों में फंसने को तैयार नही। एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट ने सुब्रत रॉय की जमानत खारिज कर दी, क्योंकि वो सुप्रीम कोर्ट को बातों में उलझाने की कोशिश कर रहा था।
सुब्रत रॉय के वकील कपिल सिब्बल ने इमोशनल कार्ड खेलते हुए कहा कहा कि ‘दरियादिली दिखाते हुए कृपया सुब्रत रॉय को रिहा कर दीजिए। छह सप्ताह का समय दीजिए। जुलाई तक वे भुगतान की पूरी योजना बता देंगे। नहीं बता पाए तो फिर जेल भेज दीजिएगा।’
इस पर जस्टिस तीरथसिंह ठाकुर की बेंच ने कहा कि ‘आप यह महसूस मत कीजिए कि हम संवेदनहीन हैं। हम आपसे 16 महीने से पैसों के बारे में पूछ रहे हैं। ये व्यक्ति (सुब्रत की ओर इशारा) 14 माह से जेल में है। आप कैसे तय करेंगे कि पैसा मिल ही जाएगा? आपके मुवक्किल हर बार बहाना बनाकर टाल देते हैं। हम आपको और दो हफ्ते देते हैं। आप पैसों के बारे में बताइये, हम जमानत दे देंगे।’
इस पर सिब्बल ने अनुरोध किया कि सेबी ने 72 संपत्तियां जब्त कर रखी हैं। उन्हें बेचने की मंजूरी दे दें। तो कोर्ट ने कहा कि ‘बताइए, आपको कौन-कौन सी संपत्ति बेचनी है।’
कोर्ट में सेबी के वकील ने कहा कि यदि भुगतान सुनिश्चित होता है तो उन्हें संपत्तियां छोड़ने में कोई आपत्ति नहीं है। निवेशकों के 24 हजार करोड़ रुपए वापस करने के मामले में 65 साल के सुब्रत रॉय तिहाड़ में बंद हैं।