भोपाल। राज्य सरकार शहरों की सूरत बदलने गुजरात की तर्ज पर अर्बन डेवलपमेंट कंपनी का गठन करने की तैयारी में है। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में बनने वाली यह कंपनी नगरीय प्रशासन संचालनालय के अधीन काम करेगी। शुरुआत में ये प्रदेश के महानगरों भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर के इन्फ्रास्ट्रक्चर पर फोकस करेगी। साथ ही अन्य शहरों में भी छोटे-मोटे काम किए जाएंगे।
नगरीय विकास एवं पर्यावरण विभाग जल्द ही प्रस्ताव कैबिनेट में लाएगा। कंपनी गठन की एक वजह नगर निगमों के पास पैसों के साथ-साथ डेवलपमेंट एक्सपर्ट की कमी को दूर करना भी है। कंपनी में विभागीय मंत्री और मुख्य सचिव उपाध्यक्ष, वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव, विभागीय प्रमुख सचिव सदस्य और नगरीय प्रशासन आयुक्त सचिव होंगे।
चारों शहर का होगा इंटेलीजेंस ट्रैफिक
अस्तित्व में आने के बाद कंपनी महानगरों की ट्रैफिक व्यवस्था बेहतर बनाने के लिए इंटेलीजेंट ट्रैफिक सिस्टम लागू कराएगी। इसके लिए उसे ट्रैफिक का सर्वे कर रही नोएडा की कंपनी इकरा की रिपोर्ट सौंपी जाएगी। इकरा ये रिपोर्ट नगरीय प्रशासन से मिले ठेके के बाद तैयार कर रही है। इसमें ट्रैफिक के दबाव को ध्यान में रखते हुए मुख्य रूप से वन-वे, पेडेस्ट्रीयन, मल्टीलेवल पार्किंग, सड़क चौड़ीकरण के साथ सहायक सड़कों का निर्माण करना प्रमुख होगा।
एक्सपर्टस बनाएंगे सुंदर शहर
कंपनी में हर विषय के विशेषज्ञों को कांट्रेक्ट पर होंगे। विशेषज्ञ (आर्किटेक्ट, इंजीनियर, सर्वेयर, इन्वायरमेंट एक्सपर्ट आदि) शहर की जरूरत को ध्यान में रखते हुए इसकी डिजाईनिंग तैयार कर विकास करेंगे। इसमें पर्यावरण का ध्यान रखते हुए शहर की सुंदरता बढ़ाने के सुझाव होंगे।
सरकार की गारंटी पर बाजार से लेगी कर्ज
अर्बन डेवलपमेंट कंपनी सरकार की गारंटी पर बाजार से कर्ज उठाकर विकास में पैसा लगाएगी। कंपनी नगर निगमों के बड़े प्रोजेक्ट पर काम करेगी, वहीं संबंधित नगर निगम अपने डेवलपमेंट के काम भी कंपनी के एक्सपर्ट्स की सलाह पर ही करेंगे। यानी नगर निगम स्वतंत्र निकाय होने की बात कहकर विकास के नाम पर मनमानी नहीं कर सकेंगे। उल्लेखनीय है कि वर्तमान में नगर निगमों पर नगरीय प्रशासन संचालनालय का सीधा हस्तक्षेप नहीं है। बजट आवंटन के बाद नगर निगम अपने हिसाब से निर्माण कार्य करते हैं।
शहरों में तेजी से होगा विकास
अर्बन डेवलपमेंट कंपनी बनने के बाद शहरों का तेजी से विकास होगा। यह कंपनी फंड जुटाने के साथ-साथ नगर निगमों के बड़े प्रोजेक्ट पर काम करेगी। इसके लिए हर विषय के एक्सपर्ट की सेवाएं कांट्रेक्ट पर ली जाएंगी। कंपनी गठन का प्रस्ताव जल्द कैबिनेट में आएगा।
मलय श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं पर्यावरण