धार/मप्र। सोना आयात पर अंकुश लगाने और व्यापार घाटा कम करने के लिए सरकार सॉवरेन गोल्ड बांड जारी करेगी। जो लोग सोने के सिक्के या बार (छड़) में निवेश करना चाहते हैं, वे इनके बदले बांड खरीद सकते हैं। भारतीय नागरिक ही इन्हें खरीद सकेंगे। एक व्यक्ति साल में 500 ग्राम सोने के बराबर बांड खरीद सकता है।
सरकार की तरफ से रिजर्व बैंक इन्हें जारी करेगा। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने फरवरी में बजट भाषण में सॉवरेन गोल्ड बांड और डिपॉजिट स्कीम की घोषणा की थी। गोल्ड डिपॉजिट स्कीम का मकसद घरों में पड़े करीब 20 हजार टन सोने को इस्तेमाल में लाना है। बांड के जरिए लोग सामान्य सोना खरीदने के बजाय उसे कागजी रूप में खरीद सकेंगे। अभी इस स्कीम का ड्राफ्ट जारी हुआ है। सरकार ने इस पर 2 जुलाई तक सुझाव मांगे हैं।
ब्याज कितना मिलेगा
इस बांड पर कम से कम दो फीसदी ब्याज तय किया जा सकता है। हालांकि वास्तविक ब्याज दर बाजार पर आधारित होगी। ब्याज का पैसा सोने की मात्रा के रूप में मिलेगा। कीमत में उतार-चढ़ाव का जोखिम निवेशक को ही उठाना होगा।
कितने के बांड जारी होंगे
ये बांड दो, पांच और दस ग्राम सोने के बराबर होंगे। अवधि पांच से सात साल होगी। इनके एवज में लोन भी लिया जा सकेगा। बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन के वाइस प्रेसिडेंट पृथ्वीराज कोठारी ने कहा कि 2% ब्याज की गारंटी व लोन की सुविधा ग्राहकों को आकर्षित कर सकती। कहां मिलेंगे ये बांड
लोगों को आसानी से मिले, इसलिए इनकी बिक्री पोस्ट ऑफिस और ब्रोकरों के जरिए की जाएगी। उन्हें इसके बदले कमीशन मिलेगा। सरकार पहले साल 50 टन सोने के बराबर या 13500 करोड़ रुपए के बांड जारी करेगी। जापानी वित्तीय सेवा कंपनी नोमुरा के मुताबिक बांड से आयात बिल में दो अरब डॉलर की बचत होगी।
क्या इस पर टैक्स भी लगेगा
बांड पर सामान्य सोने की तरह कैपिटल गेन्स टैक्स लगेगा। इस तरह सरकार बांड को सिक्के या बार के बराबर रखना चाहती है। हालांकि यह इसकी बिक्री में बाधक हो सकता है।