शराब तो इंसान का 'मौलिक अधिकार': मप्र के मंत्री ने बताया

भोपाल। भारत में नागरिकों के मौलिक अधिकारों के बारे में मप्र के गृहमंत्री बाबूलाल गौर ने नई जानकारी दी है। उन्होंने कहा है कि शराब पीना ‘‘मौलिक अधिकार’’ है और यह हैसियत का प्रतीक भी है। साथ ही यह भी कहा कि शराब पीने से अपराध की दर नहीं बढ़ती है।

उन्होंने कहा, ‘‘शराब से अपराध नहीं बढ़ता है। यह व्यक्ति का मौलिक अधिकार है। शराब पीना इन दिनों सामाजिक हैसियत का प्रतीक है। मंत्रीजी यहां भोपाल में शराब की बिक्री का समय रात दस बजे से बढ़ाकर साढ़े ग्यारह बजे तक करने पर प्रतिक्रिया मांगी गई थी।

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