लखनऊ। प्रदेश सरकार के मंत्री गायत्री प्रजापति पर एफआईआर और अपनी सुरक्षा की मांग को लेकर आईजी (नागरिक सुरक्षा) अमिताभ ठाकुर और सामाजिक कार्यकर्ता डॉ नूतन ठाकुर आज डीजीपी आफिस के सामने धरने पर बैठ गए।
आईपीएस अधिकारी अमिताभ और उनकी पत्नी नूतन ठाकुर ने आज मंत्री गायत्री प्रजापति द्वारा महिला आयोग अध्यक्षा जरीना उस्मानी, सदस्या अशोक पाण्डेय और कुछ पुलिसवालों के साथ षडयंत्र कर कूटरचना कर और फर्जी महिला खड़ी कर उन दोनों को बलात्कार और मारपीट जैसी गंभीर मामलों में फंसाए जाने के सम्बन्ध में एफआईआर नहीं दर्ज करने के सम्बन्ध में डीजीपी कार्यालय के सामने अपना विरोध प्रदर्शन किया।
अमिताभ ने कहा कि गायत्री प्रजापति के खिलाफ लोकायुक्त के समक्ष परिवाद दायर करने के बाद उन्हें पहले फोन पर धमकी मिली और बाद में दो अलग-अलग महिलाओं के नाम से महिला आयोग के माध्यम से बलात्कार के फर्जी आरोप लगाए गए, जिनमे एटा की महिला का पता गलत निकला जबकि गाजियाबाद की महिला के अलग-अलग अभिलेखों पर अलग-अलग हस्ताक्षर हैं।
उन्होंने कहा कि कॉल डिटेल स्थापित करते हैं कि गाजियाबाद की महिला, गोमतीनगर पुलिस और महिला आयोग की सदस्य अशोक पाण्डेय लगातार संपर्क में थे। उन्होंने कहा कि एक धर्मेन्द्र प्रसाद द्वारा प्रजापति के सीधे षडयंत्र पर उन पर झूठी गवाही देने के लिए पैसे के प्रलोभन का झूठा आरोप लगाया गया।
अमिताभ और नूतन के अनुसार 10 जून को थानाध्यक्ष गोमतीनगर, 11 जून को डीआईजी लखनऊ और 15 जून को स्वयं डीजीपी ए के जैन से मिलकर प्रार्थनापत्र देने पर भी एफआईआर दर्ज नहीं हुई और उन्होंने कोर्ट जाने के पूर्व डीजीपी कार्यालय के सामने बैठ कर अपनी व्यथा प्रस्तुत किया।